Defence Connect 2024: डेफकनेक्‍ट 2024 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अदिति योजना का किया शुभारंभ

Defence Connect 2024: डेफकनेक्‍ट 2024 में आज रक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण व रणनीतिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अदिति योजना की शुरआत की है।इससे रक्षा स्टार्ट-अप अब 25 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।

 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Defence Connect 2024 में अदिति योजना का किया शुभारंभ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में डेफकनेक्ट 2024 के दौरान महत्वपूर्ण और रणनीतिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए आईडेक्स (अदिति) योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, स्टार्ट-अप रक्षा प्रौद्योगिकी में अपने अनुसंधान, विकास और नवाचार प्रयासों के लिए 25 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्राप्त करने के पात्र हैं। रक्षा मंत्री ने उद्योग जगत के दिग्गजों, उद्यमियों, नवोन्मेषकों और नीति निर्माताओं को संबोधित करते हुए कहा, “यह योजना युवाओं के नवाचार को बढ़ावा देगी और देश को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगी।

2023-24 से 2025-26 की अवधि के लिए 750 करोड़ रुपये की अदिति योजना रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी), रक्षा मंत्रालय के आईडेक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) ढांचे के अंतर्गत आती है। इसका उद्देश्य प्रस्तावित समय सीमा में लगभग 30 गहरी तकनीक, महत्वपूर्ण और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों को विकसित करना है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नए विचारों को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की अटूट प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवा इनोवेटर्स को प्रेरित करने के लिए, आईडेक्स को आईडेक्स प्राइम तक विस्तारित किया गया, जिसमें सहायता 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई। उन्होंने कहा कि सेवाओं और डीपीएसयू द्वारा दी गई चुनौतियों का समाधान प्रदान करने में उत्साहजनक भागीदारी के बाद, अब अदिति योजना शुरू की गई है।

रक्षामंत्री ने कहा कि एक विकसित देश बनने के लिए, हमारे लिए तकनीकी बढ़त हासिल करना आवश्यक है। हमें अपने देश को ज्ञान संपन्न समाज में बदलना है। आज के समय में युद्ध में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका के कारण आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए अत्याधुनिक रक्षा टेक्नोलॉजी पर पकड़ बनाना सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताया है।

रक्षामंत्री ने कहा, ‘ऑफसेट के तहत हम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिए विभिन्न देशों से प्रौद्योगिकी हासिल कर रहे हैं। लेकिन, इस तरह, हम सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियां प्राप्त नहीं कर सकते क्योंकि देश कभी भी अपने नवीनतम नवाचारों को साझा नहीं करते हैं। यही कारण है कि हमें अपने दम पर आवश्यक तकनीकों को विकसित करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) की जरूरत है।

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र हथियारों/प्लेटफार्मों के आयात पर निर्भर नहीं रह सकता क्योंकि यह सामरिक स्वायत्तता के लिए घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के बिना, भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप वैश्विक मुद्दों पर स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकता है।

रक्षामंत्री ने कहा, ‘सामरिक स्वायत्तता तभी कायम रखी जा सकती है जब हथियार और उपकरण भारत में हमारे अपने लोगों द्वारा बनाए जाएं। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं, और परिणाम सकारात्मक हैं। 2014 में जहां हमारा घरेलू रक्षा उत्पादन लगभग 44,000 करोड़ रुपये था, आज यह एक लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है और लगातार बढ़ रहा है। यह परिवर्तन हमारे निरंतर प्रयासों के कारण हुआ है। कड़े फैसले लेने पड़े। यथास्थिति को बाधित करना पड़ा।” और साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75% निर्धारित करने सहित घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए किए गए कई उपायों को सूचीबद्ध करते हुए।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि शासन और वाणिज्य या व्यवसाय एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और निजी क्षेत्र को फलने-फूलने के लिए मंच की आवश्यकता होती है, जो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है।

डेफकनेक्ट 2024 के दौरान अदिति योजना, डीआईएससी 11 और अन्य पहलों का शुभारंभ रक्षा उत्पादन में नवाचार, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये पहलें आने वाले वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करते हुए, रक्षा प्रौद्योगिकी व नवाचार में वैश्विक नेता बनने की दिशा में भारत को आगे बढ़ाएंगी।

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