(अजित सिंह): नई पेंशन योजना के तहत PRAN खाता संख्या से आंशिक निकासी की सुविधा का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक शातिर ठग को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कोविड के दौरान 70 लाख की हेराफेरी करने के लिए BSF के PRAN (परमामेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर) को टारगेट करने के लिए 89 फर्जी ट्रांजेक्शन किया था।
स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यानी IFSO यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को एक शिकायत मिली थी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि कोविड के दौरान राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पैसे की आंशिक निकासी की ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से BSF के 65 कर्मचारियों के स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या यानी PRAN से करीब 70 लाख की धोखाधड़ी की गई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित की गई जिसमें इंस्पेक्टर राजीव मलिक की निगरानी में एसआई अजीत सिंह यादव और हेड कांस्टेबल सुनील की एक टीम का गठन किया गया। टीम ने अलग-अलग स्रोतों से जुटाई गई। जानकारी के आधार पर यूपी के रीवा, मध्य प्रदेश, गाजीपुर, प्रयागराज और नोएडा सहित विभिन्न स्थानों पर जांच की गई। एक टीम प्रयागराज पहुंचीं जहां आरोपी घनश्याम पकड़ा गया। उसने खुद को यूपी पुलिस के संचार विभाग में कांस्टेबल के रूप में पेश किया था. उसकी कार पर पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था और यूपी पुलिस की टोपी और वर्दी थी।
Read also: उमेश पाल हत्या कांड का आरोपी सदाकत की तस्वीर अखिलेश यादव के साथ वायरल !
पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी BSF की 122वीं बटालियन में सिपाही के पद पर तैनात था। मई 2019 में मलाडा, पश्चिम बंगाल में उसे सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था। इसी दौरान उसे 122वीं बटालियन के डीडीओ का लॉगिन क्रेडेंशियल मिला। यूनिट की लेखा शाखा में अपने दौरे के दौरान उसने 122वीं BSF के डीडीओ के चोरी हुए क्रेडेंशियल्स के माध्यम से इसका फायदा उठाया। पुलिस ने इसके कब्जे से एक बलेनो कार, 6 सिम कार्ड, 4 मोबाइल फोन, एक वाईफाई राउटर, फर्जी रबर स्टांप और एक आधार कार्ड भी बरामद किया है। फिल्हाल पुलिस अब आरोपी के खिलाफ आगे की कार्यवाही में जुट गई है।