Delhi News: हिमाचल हाई कोर्ट ने सेली हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट के खिलाफ हिमाचल सरकार के लंबे समय से चल रहे मामले में दिल्ली में बने हिमाचल भवन की संपत्ति जब्त कर ली है और इसकी नीलामी के लिए कदम उठाने को कहा है। हालांकि वकील ए. जे. रतन ने कहा कि नीलामी नहीं होगी क्योंकि मामला अभी भी डिवीजनल बेंच के पास लंबित है।
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वकील ए. जे. रतन ने कहा बताया कि 2018 में अदालत ने ऊर्जा निदेशालय को ब्याज के साथ 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम वापस करने का निर्देश दिया था। उन्होंने ने कहा कि इस फैसले को कंपनी ने 2018 में हाई कोर्ट में चुनौती दी और नवंबर 2022 में इसकी दलीलें पूरी हुईं। 2023 में, फैसला आया कि सरकार को बिना ब्याज के अग्रिम प्रीमियम वापस करना होगा, लेकिन अगर तय समय के अंदर पैसा नहीं दिया गया, तो ब्याज भी देना होगा। अब ये मामला डिविजनल बेंच के पास लंबित है और वो जल्द ही उस पर सुनवाई करेगी। मुझे नहीं लगता कि हिमाचल भवन की नीलामी जैसा कोई मुद्दा होगा। यह मामला जल्द ही एक-दो दिन में निपट जाएगा।
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उधर बीजेपी नेता जय राम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश में आपकी (कांग्रेस) सरकार में हिमाचल भवन जैसे जो हमारे बहुत सम्मान और गौरव की जगह है। उसकी नीलामी हो रही है। उसे सीज कर दिया गया है। इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। कोर्ट ने ये आदेश सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद के मामले में दिया है। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सेली कंपनी को 64 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। कंपनी को पैसा देने का आदेश कोर्ट ने ही दिया था। लंबे समय तक पैसा न चुकाने की वजह से प्रदेश सरकार को अब कंपनी को ब्याज मिलाकर करीब 150 करोड़ रुपये की पेयमेंट करनी है।
