Domestic Animal: अंतरिक्ष में सबसे पहले जाने वाला जानवर और सबसे वफादार कहा जाने वाला जानवर कौन है ये सब लोग बखूबी जानते हैं। हम बात कर रहे हैं कुत्ते की, जिसे काफी लोग पसंद करते हैं और पालते हैं। चूकी जानवरों में कुत्ते इंसानों के सबसे प्रिय होते हैं, ऐसे में अक्सर ये सवाल लोगों के दिमाग में आता है कि क्या कुत्ते इंसानों की बातों को समझ सकते हैं इस बात की पुष्ति के लिए एक वैज्ञानिक शोध किया गया है उस शोध में क्या जानकारी मिली है आइए जानते हैं।
कुत्तों की क्षमता का रिसर्च
दरअसल, इनसाइड योर डॉग्स माइंड के अनुसार ड्यूक यूनिवर्सिटी के मानवविज्ञानी डॉ. ब्रायन हेयर ने एक रिसर्च किया जिसमें इस बात का पता चला कि कुत्तों में अंदर इंसानों की बातों को समझने की क्षमता होती है। डॉ. ब्रायन हेयर नाम के वैज्ञानिक के रिसर्च से ये पता चला कि कुत्ते असाधारण भाषाओं को भी समझते हैं और अपना प्रदर्शन करते हुए 1,000 से अधिक वस्तुओं के नाम सीखकर इस बात को साबित करते हैं कि कुत्ते इंसानों की भाषा को समझ सकते हैं।
साथ ही अटलांटिक के यॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ एलेक्स बेंजामिन और डॉ. केटी स्लोकोम्बे ने भी कुत्तों के समझने की क्षमता की जांच के लिए एक रिसर्च किया है। जिस रिसर्च में 37 वयस्क कुत्ते शामिल थे। इस अध्धयन में इस बात की जानकारी मिली की कुत्ते न केवल इंसानों की बातों को समझते हैं बल्कि शारीरिक प्रतिक्रिया और इशारों को भी समझ सकते हैं।
Read Also: लाल स्याही का प्रयोग वर्जित, जानें क्या हो सकती है इसकी वजह ?
दूसरा रिसर्च
इसके अलावा हम दूसरे रिसर्च की बात करें तो बुडापेस्ट की इयोटवोस लोरैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की रिसर्च में ये जानकारी मिली कि कुत्तों में इंसानों की तरह सुनने की क्षमता भी मौजूद होती है साथ ही वे बोलने की आवाज को भी पहचान सकते हैं लेकिन उस रिसर्च में ये भी पाया गया कि कुत्तों में शब्दों और आवाज में अंतर करने की क्षमता नहीं होती है। रिसर्च के अनुसार कुत्ते केवल इंसानों की आवाज पर प्रतिक्रिया देते हैं, उनके शब्दों पर नहीं।
कुत्तों को दिए निर्देश
बता दें कि रिसर्च में वैज्ञानिकों कुत्तों को आमतरह से प्रयोग होने वाले निर्देश दिए जैसे कुत्तों को बैठने के कहते हुए एक बार सिट कहा तो दूसरी बार सट कहा। ऐसे ही कई शब्दों का उपयोग करते हुए उन्हें निर्देश दिया। रिसर्च के बाद रिपोर्ट में पाया गया कि कुत्ते वास्तविक शब्दों की वाणी-ध्वनी और मिलते जुलते शब्दों की आवाज में अंतर नहीं कर पाते हैं।