Dudhwa Reserve Park: अरुण कुमार सक्सेना, वन मंत्री, उत्तर प्रदेश:इस बार हम कोशिश ये करेंगे कि यहां ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएं और उन्हें हर सुविधा मिले और इसके साथ ही साथ हमने स्कूली बच्चों के लिए एंट्री फ्री की है, जो अपने टीचर के साथ आएंगे, जो अपने प्रिसिंपल से लिखवा कर लाएंगे, उनकी एंट्री को फ्री किया है ताकि हमारे बच्चों को पेड़ों से और वन्य जीवों से प्रेम डेवलप हो।”
ललित कुमार वर्मा, फॉरेस्ट डायरेक्टर, दुधवा नेशनल पार्क:पर्यटकों के लिए सामान्य निर्देश यही हैं कि कोई भी पर्यटक वहां से नहीं उतरेगा या पैदल नहीं जाएगा। प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेगा कोई भी, प्लास्टिक का कूड़ा या बॉटल वगैरह, कोई भी जंगल के क्षेत्र में नहीं डालेगा। इस हेतु डिस्टबिन की व्यवस्था की गई है गाड़ियों में और हमारे गाइड वगैरह को निर्देशित किया है कि कोई अगर ऐसा करता है तो उसे रोकें और अगर कहीं भी प्लास्टिक वगैरह मिलता है जंगल के अंदर तो उसे लेकर आएं इधर।
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अपनी एंट्री फीस में लगभग 33 प्रतिशत की कमी करने और टूरिस्टों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने पर फोकस करने के साथ, दुधवा नेशनल पार्क अब लोगों के स्वागत के लिए तैयार है।उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों के साथ नए टूरिस्ट सीजन का उद्घाटन किया। इसके बाद नेशनल पार्क को टूरिस्टों के लिए खोला दिया गया।दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा ने कहा कि टूरिस्टों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं ताकि उनकी सुरक्षा और नेशनल पार्क की स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके।नई गाइडलाइंस के मुताबिक टूरिस्टों के वाहनों से उतरने और बाहर टहलने पर पाबंदी होगी। साथ ही प्लास्टिक का इस्तेमाल करने और जंगल में कचरा फेंकने की मनाही है।इस सीजन में नेशनल पार्क में विजिटरों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है क्योंकि राज्य वन विभाग ने टूरिस्टों के लिए एंट्री फीस और दूसरे किराये में कटौती की है। दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना 1977 में हुई थी। ये एक संरक्षित क्षेत्र है जो 490 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है।दुधवा नेशनल पार्क बाघ, तेंदुए, हाथी, भालू और पक्षियों की 450 से ज्यादा प्रजातियों समेत अलग-अलग तरह के वन्यजीवों का घर है। इस नेशनल पार्क को अपने बेहतरीन ईको सिस्टम के लिए भी जाना जाता है, जिसमें घास के मैदान, दलदल और घने जंगल शामिल हैं।
(Source PTI)