(अजय पाल): हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी न किसी विदेशी राष्ट्रध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाना भारत की परंपरा रही है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में कोई भी मुख्य अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं किया गया। लेकिन इस साल मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी को पीएम मोदी ने चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार किया था ।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी कट्टर मुसलमान बताए जाते है। अब्दुल फतेह अल सीसी को बचपन से ही सेना से लगाव था। बचपन से ही सेना से अधिक लगाव होने के कारण 70 के दशक में वे सेना में शामिल हो गए। अपनी मेहनत व लग्न के कारण सालों तक सेना में सेवा देने का बाद 2014 में वे मिस्र के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद सेना के प्रति अब्दुल फतेह अल सीसी का लगाव कम नहीं हुआ। मिस्र के राष्ट्रपति बनने का बाद देश के अन्य कार्यों में ध्यान देने का बजाय सेना को मजबूत करने सराहनीय काम किया।
मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में नियुक्त किया है। मिस्र के राष्ट्रपति ऐसे समय में भारत में आये है जब मिस्र इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसा बताया जाता है की कोईभी अरब देश मिस्र की सहायता के लिए आगे नहीं आया है। हाल में कुछ समय भारत ने फोरी सहायता के रुप में मिस्त्र को कई टन गेंहू की खाप भेजी थी। भारत सदैव दूसरे देशों की मदद करता रहा है। ऐसा बताया जा रहा है इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच छह क्षेत्रों में कृषि, साइबर, संस्कृति, सूचना प्रोधोगिकी, प्रसारण व युवा क्षेत्रों में दिपक्षीय समझौते होने की संभावना बतायी जा रही है।
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अमृत महोत्सव काल में देश में मनाए जा रहे गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी को मुख्य अतिथि के रुप में भारत आना कई मामलों में महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। हाल के कुछ वर्षों में मिस्त्र का भारत के साथ व्यापार हुआ। जिससे दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती मिली। भारत के साथ मिस्र के 75 साल पुराने राजनयिक संबंध रहे है। मिस्र मौजूदा समय में आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। रुस युक्रेन युद्ध के चलते मिस्र में गेहूं की आपूर्ति बाधित हुई है। ऐसा बताया जा रहा है कि भारतीय कंपनियां मिस्र में निवेश को बढ़ावा दे सकती है।
मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी गणतंत्र दिवश समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले मध्यपूर्व देशों के पांचवे राष्ट्रध्यक्ष होंगे। इससे पहले अल्जीरिया 2001, ईरान 2003, सउदी अरब 2006 व यूएई 2017 में राष्ट्रायध्यक्ष भारत में मुख्य अतिथि के रुप में आ चुके है।