Electoral Bonds- भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया था. अब चुनाव आयोग ने SBI से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की है. इसको लेकर अब विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है.चुनावी बांड डेटा शेयर होने के एक दिन बाद शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने निशाना साधते हुए कहा कि कि चुनावी बॉन्ड में 60 प्रतिशत फंडिंग बीजेपी के पास चली गई है, इसलिए समय की मांग है कि पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या कोई ‘क्विड प्रो क्वो’ है।
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चुनावी बॉन्ड में 60 प्रतिशत फंडिंग BJP को मिली
प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि ये स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो गया है कि चुनावी बॉन्ड का उपयोग बदले में, जबरन वसूली के लिए किया जा रहा है। हमने देखा है कि उस सूची में पर्याप्त उदाहरण हैं जो बताते हैं कि जब भी जबरन वसूली विभाग यानी ईडी जो अब बीजेपी का विभाग बन गया है। चुनावी बॉन्ड में 60 प्रतिशत से अधिक फंड बीजेपी को गया है। ये स्पष्ट रूप से दिखाता है कि ये भ्रष्टाचार को तीन बार सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र था और ये सुनिश्चित करता था कि भ्रष्टाचार जारी रहे और इसका केवल एक ही लाभार्थी हो, वे है बीजेपी। ये बेहद शर्मनाक है और मुझे लगता है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि ये विकल्प किस आधार पर चुने गए।
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जबरन वसूली की जा रही है
क्या कॉरपोरेट घरानों से जबरन वसूली की जा रही थी, क्या उनसे ये वादा किया गया था कि अगर वे बीजेपी को भुगतान करेंगे तो उन्हें काम दिया जाएगा। ये सभी बातें जांच के दायरे में आनी चाहिए। पारदर्शिता सुनिश्चित करने और चुनावी फंडिंग को स्पष्ट करने तथा इसमें स्पष्टता लाने के लिए ये समय की मांग है।