हर बच्चे को मिलेगी क्वालिटी एजुकेशन तभी विकसित बनेगा भारत: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार का विज़न है कि सभी बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले और जब हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी तभी हम भारत की एक विकसित देश बना पाएंगे।

आजादी के बाद से अबतक कई जगह तो ये एजुकेशन मॉडल तैयार किया गया है जहां कुछ बच्चों को बेहतरीन शिक्षा मिली और मिल रही है लेकिन अबतक ये सुनिश्चित नहीं किया जा सका है कि सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल पाए|

इसलिए अब जरुरत है कि शिक्षा का एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार किया जाए ताकि हर बच्चे की क्वालिटी एजुकेशन मिल सके। केजरीवाल सरकार अपनी शिक्षा क्रांति 2.0 के तहत इसी दिशा में काम कर रही है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को अम्बेडकर विश्वविद्यालय, कर्मपुरा कैंपस में मल्टीपर्पस ब्लाक व ऑडिटोरियम के उद्घाटन कर दौरान ये बातें कही।

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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पिछले 5 साल के दौरान शिक्षा में जो कुछ भी हुआ है वो मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी के विज़न का परिणाम है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विज़न सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना है। श्री सिसोदिया ने आगे कहा कि शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण होने के साथ-साथ सभी के लिए उसका उपलब्ध होना भी जरुरी है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक शिक्षण संस्थान के प्रमुख की उपलब्धि होती है कि उनके संस्थान से निकला हर एक विद्यार्थी बेहतर शिक्षा लेकर अपने करियर में बेहतर करे।

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लेकिन एक शिक्षामंत्री की ये उपलब्धि होगी जब उसके राज्य में पढ़ने वाले हर एक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वो अपने जीवन में बेहतर कर सके।

इसके लिए बेहद ज़रूरी है कि हमारे शिक्षण संस्थान शिक्षा का एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करें। आज देश में हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

कुछ बच्चों को तो शानदार शिक्षा मिल पा रही है लेकिन बहुत से बच्चों को नहीं इसलिए हमें एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करने की जरुरत है। हमें ये सुनिश्चित करना है कि देश में शत प्रतिशत बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिलें।

सिसोदिया ने कहा कि हम अपने संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को नॉलेज तो दे रहे हैं लेकिन उन्हें सोच नहीं दे पा रहे हैं। इसके लिए ही दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में देशभक्ति, हैप्पीनेस और ईएमसी जैसे माइंडसेट करिकुलम की शुरूआत की है जिससे बच्चों में ग्रोथ माइंडसेट विकसित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली की जिम्मेदारी है कि हम न केवल दिल्ली बल्कि देश के किसी भी राज्य में रहने वाले बच्चों के बेहतर शिक्षा पाने के सपने को पूरा करे। और इस दिशा में हमारे शिक्षा संस्थान निरंतर प्रयास कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि अम्बेडकर विश्वविद्यालय, कर्मपुरा कैंपस में तैयार हुए मल्टीपर्पस ब्लाक में एक क्रेच, 4 कमरों के गेस्ट हाउस कर साथ-साथ रेजिडेंशियल ब्लाक की शुरुआत की गई है।

इसके साथ ही कैंपस में 250 लोगो के बैठने की क्षमता के साथ नए ऑडिटोरियम हॉल की शुरुआत भी की गई है जिसका इस्तेमाल भविष्य में सेमिनार व अन्य शिक्षण व सांस्कृतिक गतिविधियों में किया जाएगा।

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