गति से प्रगति के अपने ध्येय वाक्य के साथ भारत के सबसे पहले रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (RRTS) का पहला ट्रेनसेट गुजरात के सावली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (RRTS) को सौंपा गया। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (MOAHUA) के सचिव और NCRTC के अध्यक्ष, श्री मनोज जोशी ने NCRTC के प्रबंध निदेशक, श्री विनय कुमार सिंह एवं NCRTC और एल्सटॉम के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एक बटन के क्लिक के साथ ट्रेनसेट रोलआउट की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद, एल्सटॉम के प्रबंध निदेशक द्वारा पहली RRTS ट्रेनसेट की चाबियां NCRTC के प्रबंध निदेशक को सौंपी गईं। इस रोलआउट के साथ ही, इन ट्रेनों का डिलिवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहला ट्रेनसेट जल्द ही दुहाई डिपो, गाजियाबाद पहुंचेगा। इस अवसर पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस एवं आवास और शहरी मामलों के मंत्री, माननीय श्री हरदीप सिंह पुरी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं और बधाई भेजी।
RRTS शहरी गतिशीलता में परिवर्तन का अग्रदूत है
अपने संदेश में श्री पुरी ने कहा, “यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है, यह परियोजना माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की सच्ची अभिव्यक्ति है। RRTS शहरी गतिशीलता में परिवर्तन का अग्रदूत है। इस आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत रीजनल रेल में सवार होकर हम एक नए युग में प्रवेश करेंगे क्योंकि RRTS क्षेत्रीय परिवहन के परिदृश्य को बदल देने वाला है। यह क्षेत्र के संतुलित और सतत विकास को सक्षम बनाने एवं अनेकानेक संभावनाओं के ले द्वार खोलने वाला है। पहले चरण में ही दो और RRTS कॉरिडोर की योजना के साथ, यह भारत की क्षेत्रीय रेल की यात्रा की शुरुआत है। उन दो कॉरिडोर पर भी शीघ्र ही काम शुरू किया जाएगा और एक बार पूरा हो जाने के बाद RRTS NCR के सभी प्रमुख केंद्रों को जोड़ने वाला एक बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार करेगा। महामारी के बावजूद निश्चित समय में परियोजना की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने और इनकी दृढ़ता और समर्पित प्रयासों के लिए, मैं NCRTC और एल्सटॉम टीम की प्रशंसा करता हूँ और इस विशेष अवसर पर उन्हें बधाई देता हूं।
सभी ट्रेनसेट गुजरात के सावली में हो रहे निर्मित
इस अवसर पर NCRTC के चेयरमैन ने कहा, “भारत का पहला RRTS न्यू इंडिया के सपने को साकार करने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार है। यह परिवहन के क्षेत्र में एक बेंचमार्क स्थापित करेगा। इस परियोजना को जो बात और भी खास बनाती है, वह यह है कि मेक इन इंडिया दिशानिर्देशों के तहत इन 30 RRTS अल्ट्रा-मॉडर्न ट्रेनों को हैदराबाद में डिज़ाइन गया है और सभी ट्रेनसेट गुजरात के सावली में निर्मित हो रहे हैं। मल्टी-मॉडल इंटिग्रेशन के अपने मूल सिद्धांत के साथ RRTS, ट्रांजिट का एक तेज़, आरामदायक, सुरक्षित, विश्वसनीय, समयनिष्ठ और किफायती तरीका होने जा रहा है। इस परियोजना को समय पर पूरा होते देख मुझे खुशी हो रही है और मैं NCRTC की टीम को बधाई देता हूं।
कुछ महीनों में शुरू होगा ट्रायल रन।
इस अवसर पर बोलते हुए NCRTC के प्रबंध निदेशक, श्री विनय कुमार सिंह ने कहा, “यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण माईलस्टोन है। आने वाले समय में हम इस परिवर्तनकारी परियोजना के लिए हमारे सभी प्रयासों और योजनाओं को एक के बाद एक आकार लेते और धरातल पर एक वास्तविकता बनते हुए देखेंगे। आधुनिक कम्यूटर-केंद्रित (यात्री-केन्द्रित) सुविधाओं के साथ ये अत्याधुनिक ट्रेनें एक और उदाहरण हैं कि रणनीतिक दृष्टिकोण, कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ हम देश के भीतर क्या हासिल कर सकते हैं। एल्स्टॉम को दिए गए ट्रेनसेट की आपूर्ति और व्यापक रखरखाव के लिए बंडल्ड अनुबंध के साथ, हमने अब दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर के दीर्घकालिक संचालन और रखरखाव अनुबंध के लिए एक निजी ओ एंड एम पार्टनर की चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। इन दोनों अनुबंधों के सफल संचालन से देश में रेलवे उद्योग में एक बड़ा बदलाव आएगा। हमारे द्वारा उपयोग की जा रही सभी उन्नत तकनीकों और प्रतिबद्ध, कर्मनिष्ठ पेशेवरों की टीम जो इस परियोजना को साकार करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं, उनकी मदद से हम इस परियोजना को निर्धारित समय पर पूरा करने की स्थिति में हैं और कुछ महीनों में ट्रायल रन शुरू कर देंगे।”
शुरू हुई सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक ट्रेनों की डिलीवरी
ट्रेनसेट निर्माण के लिए मेसर्स एल्सटॉम को अनुबंध दिया गया था, जिसके अनुसार वे RRTS के लिए 40 ट्रेनों की डिलीवरी करेंगे, जिनमें 10, तीन कोच वाली ट्रेनें मेरठ मेट्रो के लिए होंगी। अनुबंध के अनुसार एवस्टॉम 15 साल की अवधि के लिए इन रोलिंग स्टॉक का रख रखाव भी करेगी। अनुबंध में संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, इन्स्टालिंग, परीक्षण और सिग्नलिंग एवं ट्रेन कंट्रोल, सुपरविजन, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और दूरसंचार प्रणाली शामिल हैं। इस रोलआउट के साथ इन सेमी-हाई-स्पीड एरोडायनामिक ट्रेनों की डिलीवरी शुरू हो गई है। NCRTC इस साल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले सेक्शन पर ट्रायल रन शुरू करेगी।
ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता ब्रेक लगाने पर करती है बिजली उत्पन्न
अपने स्लीक और आधुनिक डिजाइन के साथ ये ट्रेनसेट, रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हल्के वजन वाले होंगे और ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी), ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल (एटीसी), और ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन्स (एटीओ) के साथ संयोजित होंगे। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम इन ट्रेनों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न करती है और यह उत्पादित बिजली ट्रेन सिस्टम के ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से वापस इलेक्ट्रिक ग्रिड में चली जाती है।
RRTS ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2×2 ट्रान्सवर्स बैठने की सीट, खड़े होने के लिए चौड़ी जगह, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) समेत अन्य सुविधाएं हैं। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैण्डर्ड क्लास और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) के साथ-साथ एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा।
RRTS अपनी तरह की पहली प्रणाली है जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी। NCRTC ने NCR में विभिन्न सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों को निर्बाध रूप से जोड़कर एक विशाल नेटवर्क बनाने की पहल की है। मल्टी-मॉडल-इंटीग्रेशन के साथ, RRTS स्टेशनों का मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों और बस डिपो के साथ जहां कहीं भी संभव हो, सहज एकीकरण होगा। एक बार चालू होने के बाद, पहले RRTS कॉरिडोर से प्रति वर्ष वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 2,50,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम होने का अनुमान है। लगभग 8 लाख अपेक्षित दैनिक यात्रियों के साथ, RRTS सबसे अधिक ऊर्जा कुशल फ्यूचरिस्टिक ट्रांज़िट सिस्टम होगा।
देश की पहली RRTS ट्रेनसेट की अन्य यात्री केंद्रित विशेषताएं
• लंबी नाक और प्लग-इन-दरवाजे के साथ एयरोडायनेमिक प्रोफ़ाइल, उच्च गति पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए।
• प्रवेश और निकास के लिए यात्रियों के लिए अधिकतम स्थान के लिए चौड़े गलियारे के साथ पूरी तरह से वातानुकूलित कोच। टिंट वाले बड़े खिड़की के शीशे बाहर का मनोरम दृश्य देंगे।
• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग, ओवरहेड लगेज रैक वाली कुशन वाली सीटें।
• हर ट्रेन में एक ‘प्रीमियम क्लास कार’ जो आरामदेह, सुविधाजनक और यूजर फ्रेंडली होगी जिसमें अधिक लेगरूम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी और वेंडिंग मशीन की सुविधा से सुसज्जित होगी।
• महिलाओं के लिए आरक्षित एक कोच।
• एनर्जी एफिसियेंट, रोशनी-आधारित ऑटो नियंत्रण परिवेश प्रकाश प्रणाली।
• सीसीटीवी निगरानी, आधुनिक पैसेंजर अनाउंसमेंट और डिजिटल पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम (PAPIS)
• वाई-फाई और ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट
• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट
• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह का प्रावधान
• डायनेमिक रूट मैप डिस्प्ले, आपातकालीन संचार सुविधाएं
• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम
• उन्नत सुरक्षा के लिए उन्नत ETCS स्तर II सिग्नलिंग, स्वचालित ट्रेन संचालन और प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) के साथ संगत
• अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों पर आधारित डिजाइन और निर्माण
• अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा और खतरे के आकलन के आधार पर उपयुक्त एसआईएल स्तर
• आंतरिक और बाहरी आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम
• वेसाइड उपकरण के साथ एक्सल बॉक्स के तापमान की निगरानी