प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – संसद के मानसून सत्र का आज से आगाज़ हो गया है। सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया के जरिए सांसदों और देश को संदेश दिया। संसद परिसर में पीएम मोदी ने कहा कि, ‘यह अवधि बहुत महत्वपूर्ण है। ये आजादी के अमृत महोत्सव का दौर है। 15 अगस्त और आने वाले 25 वर्षों का एक विशेष महत्व है।‘
इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर चुटीले अंदाज में निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि यह सत्र मौसम से जुड़ा हुआ है। दिल्ली में भी बारिश ने दस्तक देना प्रारंभ किया है। फिर भी न बाहर की गर्मी कम हो रही है और पता नहीं कि संसद के भीतर गर्मी कम होगी कि नहीं होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि ये सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसी समय राष्ट्रपति पद और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव हो रहे हैं। आज मतदान भी हुआ। इसी कालखंड में देश को नए राष्ट्रपति, नए उपराष्ट्रपति उनका मार्गदर्शन प्रारंभ होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि 25 साल बाद देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा। यह हमारी यात्रा और नई मंजिल तय करने के संकल्प का समय होगा। यह कालखंड एक प्रकार से बहुत महत्वपूर्ण है। यह आजादी के अमृत महोत्सव का कालखंड है।
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पीएम मोदी ने कहा कि हम हमेशा सदन को संवाद का एक सक्षम माध्यम मानते हैं, तीर्थ क्षेत्र मानते हैं। जहां खुले मन से संवाद हो, जरूरत पड़े तो वाद–विवाद हो, आलोचना भी हो, उत्तम तरीके से एनालिसिस करके – चीजों का बारीकियों से विश्लेषण हो, ताकि नीति और निर्णयों में बहुत ही सकारात्मक योगदान हो सके।
प्रधानमंत्री ने सांसदों से अपील करते हुए कहा, ‘हम सदन को जितना ज्यादा उत्पादक बना सकें, जितना ज्यादा सार्थक बना सकें, इसलिए सबका सहयोग हो और सबके प्रयास से ही लोकतंत्र चलता है, सबके प्रयास से ही सदन चलता है। सबके प्रयास से ही सदन उत्तम निर्णय करता है और इसलिए सदन की गरिमा बनाने के लिए हम सब अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए, इस सत्र का राष्ट्रहित में सर्वाधिक उपयोग करना है और हर पल याद रखें कि आजादी के लिए जिन्होंने अपना जीवन खपा दिया, जिसने शहादत स्वीकार की – उनके सपनों को ध्यान में रखते हुए, और 15 अगस्त सामने है तब सदन का सर्वाधिक उपयोग हो– यही मेरी सबसे प्रार्थना है।
12 अगस्त तक चलने वाले संसद के मानसून सत्र में 18 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकार 32 विधेयक सूचीबद्ध करवाए हैं। इनमें से 24 नए बिल होंगे। फिलहाल संसद में 35 बिल पेंडिंग हैं। इनमें से आठ बिलों को सरकार ने फिर से विचार के लिए लाएगी।