(दीपा पाल )- बेंगलुरु के जेपी नगर में श्री सत्यगणपति मंदिर ने गणेश चतुर्थी के मौके पर अपने परिसर को करेंसी नोटों और सिक्कों से सजाया है।150 कारीगरों की एक टीम ने 20 दिन में इस सजावट को पूरा किया है।नियमित मंदिर आने वालों ने जब ये अनोखी सजावट देखी तो उन्हें सुखद अनुभव हुआ।
श्रद्धालु धीरज का कहना है कि वो उत्सव के लिए मंदिर को बहुत खूबसूरती से सजा रहे हैं।मैं पिछले पांच-छह सालों से यहां आ रहा हूं। वो बहुत ही अनोखा स्टाइल आजमा रहे हैं और इस बार उन्होंने नोटों का इस्तेमाल कर इसे खूबसूरती से सजाया है।ऐसी सजावट देखना वाकई अद्भुत है। हर साल हम यहां आते हैं और हर साल उनकी सजावट की थीम अलग होती है। इस बार ये पूरी तरह से अलग-अलग तरह के नोटों से बना है और ये वाकई अनोखा है। इस तरह की सजावट मैं पहली बार देख रहा हूं। मैंने इससे पहले कभी किसी मंदिर में ऐसा नहीं देखा। ये वास्तव में अच्छा है।
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श्री सत्यगणपति मंदिर ट्रस्टी मोहन राजू ने कहा कि हर साल हम अलग-अलग तरह की सजावट करते हैं। पिछले साल हमने खेल सामग्री का इस्तेमाल किया था। उससे पहले गोलियों से,अब हमने सिक्कों और नोटों से एक अनूठी सजावट की है।
कितने सिक्के और नोट का यूज किये
जवाब- पांच रुपये के डेढ़ लाख सिक्के हैं। 10 रुपये के डेढ़ लाख सिक्के हैं और 20 रुपये के डेढ़ लाख सिक्के हैं। कुल मिलाकर सिक्कों की कीमत 52 लाख 50 हजार रुपये है। और नोट, सभी प्रकार के नोट हैं – 10, 20, 50, 100, 200, 500… यहां तक कि कुछ 2,000 रुपये के नोट भी हैं। नोटों की कुल कीमत दो करोड़ छह लाख रुपये है।
श्रद्धालु हरिश ने कहा कि इतने सारे रंग, हमने इस तरह के रंगों वाले इतने सारे नोट नहीं देखे हैं। इसे वाकई बहुत अच्छे से सजाया गया है। मैं उन सभी ट्रस्टियों को धन्यवाद और शुभकामनाएं देना चाहता हूं, जिन्होंने इस तरह का काम किया है और ये वास्तव में इसे देखने का एक अच्छा अवसर है।मंदिर के ट्रस्टियों के मुताबिक, सजावट में इस्तेमाल किए गए सिक्कों और नोटों की कुल कीमत लगभग दो करोड़ 75 लाख रुपये है।सजावट के लिए इस्तेमाल किया गया सारा पैसा श्रद्धालुओं से एकत्र किया गया है। और उत्सव खत्म होने के बाद ये पैसा उन्हें वापस कर दिया जाएगा।