गीता प्रेस गोरखपुर को मिला 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार

(अजय पाल)-गीता प्रेस गोरखपुर को इस बार साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। संस्कृति मंत्रालय की ओर से  इस चयन को लेकर घोषणा की है।गीता प्रेस को  गांधी शांति पुरस्कार के  चुने जाने पर  यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का धन्यवाद जताया। बता दे कि गीता प्रेस गोरखपुर को दुनिया के सबसे बडे प्रतिष्ठित प्रकाशकों में से एक माना गया है।

सर्वसम्मति से चयन हुआ  – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गांधी शांति पुरस्कार को लेकर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को वर्ष 2021 के लिए इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में चुनने का फैसला किया है. गीता प्रेस गोरखपुर को सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।

1995 में हुई थी गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत –गीता प्रेस की शुरुआत साल 1923 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से  एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं।गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरुआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी की ओर से प्रतिपादित दर्शकों को सम्मान देते हुए की थी ।

 

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