Farmers Protest: जगजीत सिंह दल्लेवाल, किसान नेता: हमारी मंशा किसी तरीके का भी अशांति पैदा करने का इरादा नहीं है। न कोई हमारी इसके ऊपर ऐसी इश्यू है कि हम तो कैसा किए बगैर रह नहीं सकते लेकिन बात ये है कि हमने दिल्ली जाने का प्रोग्राम बनाया, ये आज से नहीं बना ये हमने सात नवंबर की कॉल दे रखी है। सात नवंबर से लेकर सरकार आज ये कहे कि समय कम है हमारे पास तो मुझे लगता है कि उनकी ये नीति है। सरकार को ऐसा न करते हुए देश के किसान-मजदूर के पक्ष में फैसला लेना चाहिए। हमारा निवेदन है कि हम शांतिपूर्वक ढ़ंग से दिल्ली जाना चाह रहे है। सरकार खुद व खुद बैरीकेड हटाकर दिल्ली जाने दे और वहां बैठने की व्यव्स्था बना दे।”
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सरवन सिंह पंढेर, किसान नेता: अगर केंद्र सरकार का हेड ऑफ स्टेट आगे आए और वो कहे कि हम एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए तैयार हैं। इससे आगे बढ़ा जा सकता है और स्थिति को शांत किया जा सकता है। जो हमें नजर आ रहा है यहां एक-एक मां का एक-एक बेटा है। हम अपनी ओर से बिल्कुल पीसफुली रहेंगे पर जो हमने देखा अभी केंद्र अर्ध सैनिक फोर्सों के द्वारा किसान और मजदूर के आज खून की होली खेलागा। हम कहते है आप का दायित्व बनाता है। हमने भी प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट डाली दी होगी। ये देश सभी का है , प्रधानमंत्री सभी के है। उनको आगे आकर परिस्थितियों को संभालना चाहिए और हमारी मांगे मान लेनी चाहिए। डेढ़ -दो करोड़ लाख रुपया ज्यादा बड़ी रकम नहीं है। इसके ऊपर 60 परसेंट किसान निर्भर कर रहे हैं। खेत- मजदूर जोड़ ले तो देश की 80 प्रतिशत आबादी बनता है तो हमारा पूरा प्रयास है कि हम पीसफुली रहेंगे अथवा केंद्र को ऐसा लगता है कि मांग मानने में कोई दिक्कत आ रही है तो हम कहते हैं कि प्रधानमंत्री जी संविधान की रक्षा करना आपका काम है। आप संविधान की रक्षा कीजिए। हमें पीसफुली प्रोटेस्ट करने के लिए ये नाका खोलकर दिल्ली जाने की इजाजत दे दीजिए।”