Jagannath Rath Yatra : ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का रथ यात्रा उत्सव अब बस एक दिन दूर है। ऐसे में शहर में उत्सव का माहौल है और हर तरफ रौनक दिख रही है।दुनिया भर से श्रद्धालु पुरी पहुंचने लगे हैं। शहर की सड़कें उत्सव के इस माहौल से गुलजार हैं। रथ यात्रा में शामिल होने के लिए तीनों रथ लगभग तैयार हो चुके हैं।इन भव्य रथों को खींचने के लिए रस्सियां लगाई जा रही हैं।कई विदेशी श्रद्धालुओं के लिए ये रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ के दर्शन पाने का खास मौका है। विदेशी नागरिकों के लिए जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश आमतौर पर प्रतिबंधित है।
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इस्कॉन यानी अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ से जुड़े श्रद्धालु रथ यात्रा को न सिर्फ भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर में उनकी मौसी के घर तक ले जाने की प्रतीकात्मक यात्रा मानते हैं बल्कि वे इसे भगवान कृष्ण की उस वृंदावन में वापसी के रूप में भी देखते हैं, जहां उन्होंने अपना बचपन और युवावस्था बिताई थी।श्रद्धालु को न सिर्फ भगवान जगन्नाथ, उनके भाई भगवान बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा के दर्शन का बल्कि उस लम्हे का भी इंतजार है जब वे रथ यात्रा के दौरान रथों को खींचेगे।
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भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ मंदिर से निकलकर अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं और वापस लौटने से पहले वहां एक हफ्ते से ज्यादा वक्त बिताते है।गुंडिचा मंदिर से लौटने की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है।इस साल नौ दिनों तक चलने वाले रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत 27 जून को होगी।
