Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बातें कहीं और फैसला सात जजों की लार्जर बेंच को भेज दिया है। स्पीकर राहुल नार्वेकर की भूमिका पर सुप्रिम कोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि भरत गोगवले को व्हिफ नियुक्त करना गलत था। कोर्ट ने कहा कि अगर उध्दव ठाकरे इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें राहत मिल सकती थी।
उध्दव को रहेगा मलाल!
इसेक अलावा कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जो फैसला लिया वो पूरी तरह गलत था और संविधान के खिलाफ था। यह फैसला बीजेपी और शिंदे गुट के लिए बड़ा झटका है और उध्दव को राहत और मलाल करने वाला है। अगर उध्दव ठाकरे उस समय इस्तीफा नहीं देते तो शायद आज महाराष्ट्र में तख्तापलट हो सकता था।
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शिंदे गुट का कहना था कि 40 विधायक उनके साथ हैं। इसलिए व्हिप नियुक्त करने का अधिकार उनके पास है। जबकि तब सीएम उध्दव ठाकरे ने शिवसेना का प्रमुख होने के नाते सुनील प्रभु को व्हिप नियुक्त किया था। कोर्ट ने साफ किया कि शिंदे गुट की नियुक्ति सही थी।
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