Haryana Day: इस मौके पर जानें हरियाणा की कहानी, कैसे पड़ा यह खास नाम ?

Haryana Day

Haryana Day: किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि वक्त बदलते देर नहीं लगती, समय के साथ चीजें एक सी नहीं रहती। यह बात हरियाणा की कहानी पर पूरी तरह से सही बैठती है। आज हरियाणा (Haryana) प्रदेश अपना 59वां जन्मदिन मना रहा है। एक समय था जब हरियाणा को रेतीले और कीकर के जंगलों की वजह से याद किया जाता है।बुनियादी सुविधाएं ना के बराबर थी।  इन 58 सालों में भारत ने विकास की कई सारी नई उपलब्धियों को छुआ है। आज भारत ने समृद्ध राज्य की सूची में शामिल है। हरियाणा दिवस के मौके पर आइए आज हरियाणा की कहानी जानते हैं-

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हरियाणा का इतिहास

1 नवंबर 1996 को हरियाणा पंजाब से अलग होकर एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। यह भारत का उस समय 17वां राज्य बना। भले ही अस्तित्व में 1996 में आया हो लेकिन इसका जिक्र महाभारत में भी मिलता है। इसका कण-कण भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है। गीता का महाज्ञान कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर दिया गया है। ‘देशास्ति हरियाणाख्य: पृथिव्यां स्वर्गसन्निभ:’ यह बात हरियाणा (Haryana) के विकास की कहानी से एक दम सही बैठती है। इस लाइन का मतलब है कि पृथ्वी पर देश तो बहुत से हैं लेकिन हरियाणा प्रदेश धरती पर स्वर्ग के समान है।

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कैसे पड़ा हरियाणा नाम

हरियाणा नाम तीन शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें हरि, या और आणा शामिल है। कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता जैसा महाज्ञान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था जिसके कारण इस प्रदेश का नाम हरियाणा बना। हरियाणा शब्द का अर्थ है हरि का यहां आना। इस धरा पर मिला ज्ञान आज भी कई लोगों को जीने की राह दिखाता हैं। इसलिए हरियाणा (Haryana) प्रदेश बेहद खास है। इस धरा को देखने के लिए विदेश से काफी लोग आते हैं।

पानीपत की लड़ाई का गवाह है हरियाणा

भारतीय ग्रंथों के साथ ही इस प्रदेश का नाम मुगलों की कहानियों के साथ भी मिल जाता है। यह धरा पानीपत की 3 लड़ाईयों का भी गवाह है। पानीपत का पहला युद्ध 21 अप्रैल 1526 को मुगल सम्राट बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था । जिसमें बाबर की जीत हुई थी और मुगल साम्राज्य की नींव रखी गई थी। इसके बाद पानीपत की दूसरी लड़ाई भी हरियाणा (Haryana) के इतिहास में दर्ज है। दूसरी लड़ाई 5 नवंबर 1556 को मुगल सम्राट अकबर और हेमचंद विक्रमादित्य के बीच हुई। जिसमें मुगल सेना ने जीत हासिल की और अकबर का साम्राज्य मजबूत हुआ था। पानीपत की तीसरी लड़ाई 14 जनवरी 1761 को अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ के बीच हुई थी। इस लड़ाई में अफगानों की जीत हुई थी। इसके बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया का दबदबा हरियाणा क्षेत्र पर बढ़ गया था।

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खेल के मैदान से लेकर अंतरिक्ष तक स्थापित किए कीर्तिमान

हरियाणा को मेडल की खान भी कहा जाता है। ओलंपिक खेलों में हरियाणा के मेडलों की हिस्सेदारी बाकि राज्यों से अधिक है। करीब 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी अकेले भारत की है। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, नीरज चोपड़ा और बबीता फोगाट कुछ ऐसे नाम हैं जो हरियाणा की शान में चार चांद लगा देते हैं। अंतरिक्ष  में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला भी हरियाणा (Haryana)  की बेटी है। कल्पना चावला एक ऐसा नाम है जो धरा से अंतरिक्ष तक की सैर कर आई। उन्होंने अपने जीवन में दो बार स्पेस मिशन की उड़ान भरी। पहली यात्रा सफल रही। वहीं दूसरी यात्रा उनकी दर्दनाक मौत हो गई।

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