Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार 2 जनवरी को सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए 13 दिवसीय शैक्षिक भ्रमण और मनोरंजक यात्रा का शुभारंभ किया। हिमाचल प्रदेश में अनाथ बच्चों को आधिकारिक तौर पर ‘राज्य के बच्चे’ कहा गया है।
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मुख्यमंत्री ने बच्चों को बस से रवाना करते समय उन्हें समृद्ध और यादगार यात्रा की शुभकामनाएं दी। यात्रा के लिए रवाना हुए इस पहले जत्थे में 16 लड़कियां और छह लड़के शामिल हैं। इस अवसर पर सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाया है और इसके तहत छह हजार बच्चों को गोद लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने अनाथ बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने और उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सुख आश्रय योजना शुरू की है।
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इस योजना का मकसद इन बच्चों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना है। इस पहल के तहत, बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा जैसे स्थानों पर जाकर जानकारी और शिक्षा प्राप्त करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों का ये समूह दो से चार जनवरी तक चंडीगढ़ का दौरा करेगा और वहां स्थित हिमाचल भवन में ठहरेगा। इसके बाद वे पांच जनवरी को शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाएंगे और आठ जनवरी तक कई ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। बच्चे, नौ जनवरी को गोवा के लिए उड़ान भरेंगे, जहां वे एक तीन सितारा होटल में ठहरेंगे और प्रमुख पर्यटक और ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनका 14 जनवरी को चंडीगढ़ लौटने का कार्यक्रम है। सुक्खू ने दोहराया कि सरकार इन बच्चों के लिए माता-पिता की तरह काम करती है और राज्य के संसाधनों तक उनकी उचित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
