Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर घमासान भारी,  BJP- कांग्रेस में जुबानी जंग जारी

Hindenburg Report

Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट पर राजनीतिक लड़ाई जारी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी JPC जांच कराने की मांग की है। पक्ष सरकार पर हमलावर है तो वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और BJP आमने सामने है।बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है इसलिए वह टूलकिट गिरोह के साथ मिलकर भारतीय शेयर बाजार को खत्म करना चाहती है।

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रविशंकर प्रसाद ने बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर ये आरोप लगाए है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग के मेन इन्वेस्टर अमेरिकी बिजनेसमैन भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस हैं।राहुल गांधी उनके एजेंट हैं, पीएम मोदी से नफरत करते-करते देश से नफरत करने लगे हैं।

BJP के अन्य नेता भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं। BJP प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि जुलाई में सेबी प्रमुख ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर जवाब मांगा गया था। इसके एक महीने बाद हिंडनबर्ग ने कारण बताओ नोटिस के जवाब में एक निराधार रिपोर्ट जारी की है। BJP प्रवक्ता केसवन ने राहुल गांधी की तुलना ग्रेग चैपल से करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का सहारा लेकर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया हिट एंड रन की तरह काम कर रहा है।

दरअसल,हिंडनबर्ग रिपोर्ट में SEBI चेयरपर्सन पर लगे आरोपों के बाद राहुल गांधी ने सवाल पूछा था कि अगर निवेशकों को नुकसान होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। PM JPC जांच से क्यों डरते हैं,यह अब पूरी तरह साफ हो गया है। राहुल गांधी ने कई सवाल उठाते हुए कहा कि SEBI प्रमुख ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। निवेशकों ने पैसा गंवाया तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है। क्या सुप्रीम कोर्ट इसका स्वतः संज्ञान लेगा।

अब कांग्रेस हिंडनबर्ग रिपोर्ट के ताजा खुलासे के बाद लगातार JPC जांच की मांग कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडानी मामले में SEBI समझौता कर सकती है। इसलिए मोदानी महा घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए। जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को जांच को CBI या SIT को स्थानांतरित करना चाहिए। साथ ही SEBI अध्यक्ष को इस्तीफा देना चाहिए।

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इधर हिंडनबर्ग के आरोपों को SEBI और अडाणी समूह ने बेबुनियाद बताया है। SEBI ने कहा है कि उसने SEBI समूह के खिलाफ सभी आरोपों की जांच की है। चेयरपर्सन माधबी बुच ने समय-समय पर सभी खुलासे किए हैं। उन्होंने हितों के संभावित टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग किया है।

इससे पहले अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अडानी ने लाभ उठाया था। इस रिपोर्ट के बाद एक नया विवाद देखने को मिल रहा है।

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