कैथल के दशेरपुर गांव में 200 सालों से नहीं खेली गई होली- जाने बड़ी वजह ?

Kaithal News

Kaithal News:हरियाणा के कैथल के दशेरपुर गांव में पिछले 200 साल से होली नहीं खेली गई है।गांव वालों का मानना ​​है कि होली मनाने से गांव में दुर्भाग्य आएगा। उनकी मान्यता एक संत की कहानी से जुड़ी है। बताया जाता है कि संत ने होलिका दहन के अलाव में कूदकर जान दे दी थी।गांव वालों के मुताबिक संत ने कहा था कि जब होली के दिन दो घटनाएं हों – पहला कोई महिला बेटे को जन्म दे और दूसरा गांव के किसी घर में गाय बछड़े को जन्म दे, तभी होली मनाई जा सकती है।

एक और किंवदंती के मुताबिक गांव के बच्चों ने उनके छोटे कद का मजाक उड़ाया था और शुभ समय से पहले होलिका जलाई। इसपर साधु नाराज हो गए।होलिका दहन मुख्य त्योहार से एक दिन पहले होता है। ये बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ये राजकुमार प्रह्लाद की कहानी से जुड़ा है। जब उसके पिता और राजा ने उसे अपनी बहन के साथ होलिका में बैठने पर मजबूर किया तो उसकी बहन जल गई, लेकिन प्रह्लाद बच गया।

Read also-लोकसभा चुनाव : जानें दिल्ली में रहने वाले तमिल समुदाय के मुद्दे…टूटी-फूटी सड़कें और कचरे का ढेर…

गांववालों ने होली को लेकर कही ये गजब बात..

‘हमारे गाव में होली ने खेलने की वजह ये है कि बाबा स्नेहदास जी ने होलिका दहन में अपनी आहुति दे दी थी। आज तक किसी महिला को बेटा नहीं हुआ, गाय का बछड़ा नहीं हुआ। इसलिए हम होली नहीं खेलते।

सरपंच ने बताई ये कहानी..

पुराने समय में हमारे गांव में एक संत थे। उन्होंने होलिका दहन में अपनी जान दे दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि होली के दिन गाय बछड़े को जन्म दे और उसी घर में बेटा हुआ हो, तभी गांव में फिर से होली मनाई जा सकेगी।”

 

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *