अमन पांडेय : परीक्षा पे चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिक्षा प्रेशर को लेकर बच्चों को बेहद सटीक टिप्स दिया जो हर छात्र को जानना चाहिए। मदुरै से अश्र्वनी ने पूछा कि मेरे परिवार की अपेक्षाओं पर खरी कैसे उतरुं। बच्चों में इतना ज्यादा प्रेशर है कि वो डिप्रेशन में चले जाते है। उन्हें नही पता कि वो किस पर यकीन करें।
दिल्ली से एक छात्र नवतेश जागुर केंद्रीय विद्यालय पीतमपुर ने पूछा कि मै फेमिली प्रेशर को कैसे बर्दाश्त करुं अगर मेरा रिजल्ट अच्छा न आए तो मैं कैसे उन्हें समझाऊ ?
पटना से 11वीं की छात्रा प्रियंका ने पूछा कि मेरे परिवार में सब अच्छे नंबर से पास हुए हैं, मै कैसे उनकी अपेक्षाओं पर खरी उतरुंगी?
जवाब में पीएम मोदी ने कहा क्रिकेट खेलती हैं क्या, क्रिकेट में गुगली बॉल होता है। निशान एक तरफ होता है, दिशा दूशरी तरफ। मुझे लगता है कि आप पहली ही बार में आउट करना चाहते हैं। इन सवालों के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पेरेंट्स की अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है, उसमें कुछ गलत भी नहीं है। अगर परिवार अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण हीनभावना के कारण कई बातें बढ़ा चढ़ाकर बता देते हैं। फिर घर में आकर बच्चों से यही अपेक्षाएं करते हैं। यही भावना बनी हुई है कि अपेक्षा करेंगे तो हमें कुछ नया मिलेगा।
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पीएम मोदी ने राजनीति और क्रिकेट के उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह दोनों ही फिल्ड में लोगो की अपेक्षाएं होती हैं। आडियंस क्रिकेट में चिल्लाते है लेकिन वो अपनी बॉल पर फोकस रखते हैं। इसी तरह आप एक खिलाड़ी हैं जो बिना किसी प्रेशर के सिर्फ अपने गोल पर फोकस करिए।दबाव का एनालाइज करिए कि कहीं आप खुद को अंडर स्टीमेट तो नहीं कर रहे। आपको क्षमता से अपने आपको नहीं मापना चाहिए, न ही मां बाप को बच्चों से हद से ज्यादा अपेक्षाएं रखनी चाहिए।