74वें गणतंत्र दिवस के खास मौके पर संपूर्ण भारत तिरंगे के रंग में सरोबार है। आज के दिन दफ्तर, स्कूल, घरों- गलियों में तिरंगे लगाए जाते हैं औऱ बाकी भी अन्य तमाम जगहों पर तिरंगे लगे हुए मिल जाएंगे। लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। लेकिन हम बहुत बड़ी गलती भी कर रहें होते हैं क्यों कि इस दिन तिरंगा देश के शहीदों की शहादत को लपेट कर आसमान तक गवाही दे रहा होता है तो वही दूसरे दिन हम सड़को पर इधर उधर पर पड़ा मिलता है। गणतंत्र दिवस के जश्न में कहीं हम तिरंगे के सम्मान में कोई कमी न कर दें इसी बात को ध्यान में रखकर आपको ध्वजारोहण के बाद ध्वज को उतारना और उसे सही तरीके से रखना भी उतना ही जरूरी है। नेशनल फ्लैग कोड यानी भारतीय झंडा संहिता में इसके लिए कुछ नियम बताए गए हैं वो याद दिला रहें है।
भारतीय झंडा संहिता के नियमों के मुताबिक सबसे पहले तिरंगो को लंबवत केसरिया और हरे रंग की पट्टी को सफेद के पीछे कर दें। इसके बाद अशोक चक्र के दोनों तरफ के हिस्से को पीछे करें। यानी जब झंडा सिमटे तो ऊपर सिर्फ चक्र दिखाई दे।
इस तरह से झंडे को समेट कर किसी सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए। एक देश का नागरिक होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी है कि आपके घर में या आस-पास झंडे का अपमान ना हो। अगर कोई गलती से भी झंडे का अपमान करता है, तो उसे सही तरीका बताएं। झंडे का दुरुपयोग या अपमान करने पर झंडा संहिता के अनुसार, तीन साल तक की जेल हो सकती है।
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अगर आपको लगता है कि झंडा फट गया है या फहराने लायक नहीं है तो भारतीय झंडा संहिता कहता है कि इसे दफना देना चाहिए या फिर एकांत में जला देना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नेशनल फ्लैग का अपमान ना हो।
झंडे को दफनाने के लिए उसे एक बॉक्स में रखें और सम्मान के साथ एकांत शांतिपूर्ण माहौल में दफना दें. इसे कूड़ेदान या फिर अन्य जगहों पर ना फेकें। अगर आपको लगता है कि आपका झंडा सही है और इसे दोबारा फहराया जा सकता है तो इसे आप ऊपर बताए गए तरीके से अपने पास समेट कर रख लें।