Impostor Syndrome- इंपोस्टर सिंड्रोम (Impostor Syndrome) एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी सफलताओं और क्षमताओं को स्वीकार नहीं करता है इस अवस्था में इंसान अपना आत्मविश्वास खोने लगता हैं और नेगेटिव बातें करने लगता हैं. इंपोस्टर सिंड्रोम से जूझने वाला व्यक्ति आगे चलकर एंग्जाइटी और डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है.इंपोस्टर सिंड्रोम के शिकार होने के बाद इंसान अपने आप को एक नकली, या धोखेबाज समझता है.जिसका अर्थ होता है कि वह अपनी सफलता को प्राप्त करने के लिए प्राप्त नही हो पात हैं.और उसे यह लगता है कि उसके वास्तविक क्षमताओं या योगदान का कोई मूल्य नहीं है।इंपोस्टर सिंड्रोम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसे डॉक्टर भी आसानी से नहीं पकड़ पाते हैं. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम का बुरा प्रभाव व्यक्ति के काम और रिश्तों पर भी पड़ता है.
Read also- Sanjeev Baliyan Convoy Attacked-BJP उम्मीदवार संजीव बालियान के काफिले पर हमला, प्रचार के दौरान गाड़ियों से तोड़फोड़
इंपोस्टर सिंड्रोम के लक्षण
1- अपनी योग्यता और कौशल का वास्तविक मूल्यांकन करने में असमर्थ होना.
2- अपनी सफलता का श्रेय बाहरी कारणों को देना.
3- अपनी परफॉर्मेंस से नाखुश रहना और निंदा करना.
4- इंसान के मन में इस बात का डर होना कि वो लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाएगा.
5- खुद के काम पर ही शक करना.
6- बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण लक्ष्य निर्धारित करना और चूक जाने पर निराश होना.
इंपोस्टर सिंड्रोम से बचने के उपाय
अपनी भावनाएं साझा करें- आप कैसा महसूस कर रहे हैं इसके बारे में अन्य लोगों से बात करें. नेगेटिव विचार तब पनपने लगते हैं, जब उन्हें छुपाया जाता है और उनके बारे में बात नहीं की जाती.
दूसरों पर ध्यान दें- दूसरों की मदद करने का प्रयास करें. अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं, जो अजीब या अकेला लगता है तो उसे समूह में लाने की कोशिश करें. इससे आपके अंदर का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा.
अपनी क्षमताओं का आकलन करें- अगर आपको अपनी क्षमताओं पर शक है तो अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करें. अपनी उपलब्धियां लिखें और आप किस चीज में अच्छे हैं इसकी तुलना अपने आत्म-मूल्यांकन से करें.
Read also- Sanjeev Baliyan Convoy Attacked-BJP उम्मीदवार संजीव बालियान के काफिले पर हमला, प्रचार के दौरान गाड़ियों से तोड़फोड़
अपने विचारों पर सवाल उठाएं- जैसे ही आप अपनी क्षमताओं का आकलन करना शुरू करते हैं और छोटे कदम उठाते हैं, तो खुद से सवाल करें कि आपके विचार तर्कसंगत हैं या नहीं.
समर्थ साथियों का संचयन- आपके साथ उत्तरदायी और समर्थ लोगों के संग रहें, जो आपकी समर्थन कर सकें और आपको सहायता प्रदान कर सकें।
सोशल मीडिया का सीमित उपयोग-सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग आपको अनुभवित और अद्यतन बनाने की भावना दिला सकता है, जो इंपोस्टर सिंड्रोम को बढ़ा सकता है।
संपर्क स्थापित करें- अपने मित्रों और परिवार के साथ निकटता बनाए रखें और उनसे अपनी भावनाओं को साझा करें।
प्रोफेशनल सहायत-यदि आपको लगता है कि आप इंपोस्टर सिंड्रोम से प्रभावित हो रहे हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करना मदद कर सकता है।
सेल्फ-केयर-नियमित व्यायाम, ध्यान, और समाधान अपनाएं। सही आहार खाएं और पर्याप्त आराम करें।