(प्रदीप कुमार): राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आज संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गयी है। अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि आज भारतीयों का आत्मविश्वास शीर्ष पर है, देश तरक्की कर रहा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही आज संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गयी है। संसद के केंद्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण दिया है।
राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा कि भारत में आज मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है, जो बिना डरे काम कर रही है। इसके लिए अभिभाषण में राष्ट्रपति ने सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, आर्टिकल 370 और तीन तलाक कानून का जिक्र किया है। अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि सरकार ने विरासत को मजबूती देने और विकास को प्राथमिकता देने की राह चुनी है। आज एक तरफ देश में अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है तो वहीं आधुनिक संसद भवन भी बन रहा है। हमने केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और महाकाल लोक का निर्माण किया तो हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं। तीर्थों का विकास कर रहे हैं तो भारत दुनिया की बड़ी स्पेस पावर भी बन रहा है।
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। राष्ट्रपति ने कहा कि, हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर हो और जो अपने मानवीय दायित्वों को पूरा करने के लिए भी समर्थ हो।
अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की आवाज हर मंच पर सुनी जा रही है। UN में भारत ने आतंकवाद पर अपनी भूमिका को साफ किया है। अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है।
अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज भारत में एक ऐसा डिजिटल नेटवर्क तैयार हुआ है, जिससे विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं। बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति अब देश को मिल रही है। राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने गरीबों और वंचितों के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ अब सिर्फ एक नारा नहीं रह गया है।
महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति ने कहा कि बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ जैसी योजनाओं से देश में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है और महिलाओं के स्वास्थ्य में भी पहले से ज्यादा सुधार हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ अभियान और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की सफलता का लाभ देश को मिलना शुरू हो चुका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने अपने प्रयासों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की आकांक्षाओं को जगाया है। ये वही वर्ग है जो विकास के लाभ से सबसे अधिक वंचित था। नॉर्थ ईस्ट और हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की एक नई गति का अनुभव कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए मेरी सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर काम शुरू किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व ढांचागत सुविधाएं बीते सालों में तैयार किया गया है। इससे भी, इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल रही है।
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अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश के विकास के लिए अभूतपूर्व और अतुलनीय स्पीड व स्केल पर काम कर रही है। 2014 से पहले जहां देश में कुल लगभग 725 विश्वविद्यालय थे, वहीं बीते केवल आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं। अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि देश का एविएशन सेक्टर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया का तीसरा बड़ा एविएशन मार्केट बन चुका है। इसमें उड़ान योजना की भी बहुत बड़ी भूमिका है। भारतीय रेलवे अपने आधुनिक अवतार में सामने आ रही है और देश के रेलवे मैप में अनेक दुर्गम क्षेत्र भी जुड़ रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश पंच प्राणों की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है। गुलामी के हर निशान, हर मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भी मेरी सरकार निरंतर प्रयासरत है। जो कभी राजपथ था, वह अब कर्तव्य पथ बन चुका है। मेरी सरकार राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में तत्परता से जुटी है।