लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि “भारत आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से पालन करता है और सभी देशों को इस वैश्विक लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “आतंकवाद वैश्विक शांति, स्थिरता और मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।” उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने के लिए सभी प्रगतिशील देशों को मिलकर संयुक्त रणनीति बनानी चाहिए।
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जम्मू और कश्मीर में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि “यह हमला भारत की प्रगति और सामाजिक सद्भाव में बाधा डालने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने अपने साहस, शौर्य और बुद्धिमत्ता से इन दुर्भावनापूर्ण इरादों को विफल कर दिया।” उन्होंने आगे कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर’ सैन्य अभियान के अंतर्गत भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर इस खतरे का सफलतापूर्वक मुकाबला किया।”
ओम बिरला ने ये टिप्पणियाँ लिस्बन, पुर्तगाल में पुर्तगाल गणराज्य की असेंबली के प्रेसिडेंट, महामहिम जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कीं । बिरला वर्तमान में 3-6 जून 2025 को ब्राज़ीलिया, ब्राज़ील में 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भाग ले रहे भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं ।
ओम बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि “भारत और पुर्तगाल के संबंध 500 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। ये ऐतिहासिक संबंध व्यापार और वाणिज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच भी गहरा जुड़ाव है।” उन्होंने कहा कि “पिछले पांच दशकों में हमारे द्विपक्षीय संबंध और अधिक मजबूत हुए हैं । आज भारत और पुर्तगाल हमारी सांझा सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ करने और परस्पर लाभकारी विकास की दिशा में सक्रियता से कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों की लोकतांत्रिक मूल्यों, शांति, बहुलतावाद और मानवाधिकारों के प्रति समान प्रतिबद्धता है और इसीलिए दोनों देशों वैश्विक मंचों पर एक दूसरे के भागीदार हैं । बिरला ने यह भी कहा कि “दोनों देश के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं और संवाद से हमें वर्तमान वैश्विक संदर्भ में मिलकर कार्य करने की प्रेरणा मिली है।” बिरला ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी भी निरंतर बढ़ रही है और हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में 50% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि “भारत पुर्तगाल को एक विश्वसनीय और तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था मानता है। नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी और रक्षा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।”
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ओम बिरला ने यह जानकारी दी कि भारत की संसद आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीक-आधारित पहलें कर रही है। उन्होंने कहा कि AI की मदद से भारत की विधायी प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केन्द्रित हुई हैं। श्री बिरला ने यह भी कहा, “डिजिटल संसद टेक्नोलॉजी आधारित प्लेटफॉर्म है जिसने भारत की संसद को आधुनिक रूप दिया है। इससे सांसद, नागरिक, मंत्रालय और सभी हितधारक एक-दूसरे के साथ जुड़े हैं तथा कार्य संचालन त्वरित, पारदर्शी और सुविधाजनक हुआ है। इससे विधायी कार्यवाही में जनता की भागीदारी भी बढ़ी है।” उन्होंने आगे कहा कि “AI की मदद से पुराने संसदीय अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे भारत की विधायी विरासत का संरक्षण हो रहा है और इससे जुड़ी जानकारी व्यापक रूप से सुलभ हो रही है।”
भारत की विशालता और विविधता के बारे में बात करते हुए ओम बिरला ने कहा कि भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए, संसद AI टूल्स की मदद से संसदीय कार्यवाही लोगों को उनकी अपनी भाषा में उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि “इन टूल्स के माध्यम से संसद की कार्यवाही को भारत की 22 संवैधानिक भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे संसद के कार्यों में लोगों की भागीदारी अधिक प्रभावी हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि “भारत की संसद संभवतः विश्व की एकमात्र ऐसी संसद है जो अपने सदस्यों को 22 संवैधानिक भाषाओं में संसदीय दस्तावेज़ और अनुवाद की सुविधा प्रदान कर रही है।”
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अपने लिस्बन प्रवास के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ने तुवालु के गृह मामलों, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्री मैना तालिया से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, जलवायु कार्रवाई, शिक्षा और रणनीतिक साझेदारी में भारत-तुवालु सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। बिरला ने पहलगाम आतंकी हमले की तुवालु द्वारा की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकता के लिए उनके अटूट समर्थन की सराहना की।