Indian Politics: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज त्वरित न्याय के माध्यम से मानवीय गरिमा की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। बिरला ने कहा कि कानूनी और प्रशासनिक प्रणालियों में अनेक बाधाएँ न्याय में देरी का कारण बनती हैं। इस सन्दर्भ में बिरला ने नागरिकों और विचारकों से सभी के लिए शीघ्र और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार करने का आह्वान किया। Indian Politics
ओम बिरला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान निर्माताओं ने संविधान में मानवता, समानता, न्याय, सामाजिक-आर्थिक अधिकारों और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को गहराई से समाहित किया। संवैधानिक अनुच्छेदों और संविधान सभा की बहसों, दोनों में मानवीय गरिमा पर विशेष बल दिया गया। Indian Politics
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ओम बिरला ने ये टिप्पणियाँ आज नई दिल्ली में आयोजित 11वें डॉ. एल. एम. सिंघवी स्मृति व्याख्यान के दौरान कीं, जिसका विषय था “मानव गरिमा संविधान की आत्मा: 21वीं सदी में न्यायिक चिंतन”। Indian Politics
ओम बिरला ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच आपसी सहयोग के महत्व पर बल दिया ताकि वे अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर बना सकें और सभी के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित कर सकें। बिरला ने उन विद्वानों की प्रशंसा की जिन्होंने भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूत बनाने में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया है। वर्तमान में चल रहे सुधारों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अपने कानूनी ढाँचे को निरंतर विकसित कर रहा है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मानवीय गरिमा और न्याय की रक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं और इनके लिए व्यापक सुधारों और समाधानों की आवश्यकता है। Indian Politics
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पूर्व सांसद, विधिवेत्ता, राजनयिक और विद्वान डॉ. एल.एम. सिंघवी के जीवन और विरासत का जिक्र करते हुए, बिरला ने उनकी यात्रा को प्रेरणादायक बताया। डॉ. सिंघवी ने एक संवैधानिक विशेषज्ञ, विधिवेत्ता, लेखक और कवि के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया और एक ऐसी विरासत छोड़ी जो आज भी प्रेरणादायी है। बिरला ने न केवल भारत पर, बल्कि दुनिया भर के संविधान निर्माण में डॉ. सिंघवी के गहन प्रभाव को याद किया। Indian Politics
उन्होंने भारतीय लोकतंत्र, संस्कृति, ज्ञान, व्यापार और विदेशों में भारतीयों के सम्मान को बढ़ावा देने में डॉ. सिंघवी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। श्री बिरला ने कहा कि डॉ. सिंघवी का बहुमुखी व्यक्तित्व सभी भारतीयों को नवाचार करने, रचनात्मक रूप से सोचने और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने भी इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट बैठक को संबोधित किया। Indian Politics