शेयर बाज़ारों के घटते बढ़ते रिकॉर्ड के साथ मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने रिकॉर्डतोड़ ऊंचाई हासिल की है। तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान और धातुओं के शेयरों की वजह से भारतीय बाज़ारों में बढ़त हासिल की है। S एंड P बीएसई सेंसेक्स 0.46% बढ़कर 62,792.40 पर पहुंच गया, जो लगातार चौथे दिन 1055 IST के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया।
एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स 0.45% बढ़कर 18,647.15 पर पहुंच गया, जो लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय बाज़ारों के ऊंचाई हासिल करने के साथ ही ये कभी भी निचे गिर सकता है। इसलिए छोटे निवेशकों को अभी सावधान रहने की जरूरत है और कम लागत से शुरुआत करने की जरूरत है। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद नीचे आ सकता है।
आज ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट का दबाव निवेशकों के सेंटिमेंट पर भी दिखेगा और वे शुरुआत से ही मुनाफावसूली की तरफ जा सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार बाजार इस समय ओवर वैल्यूड है और इसमें कभी भी करेक्शन आ सकता है। लिहाजा छोटे निवेशकों को अभी काफी सोच-समझकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 200 अंकों से ज्यादा के उछाल के साथ 62,505 पर पहुंच गया था, जबकि निफ्टी 50 अंक चढ़कर 18,563 पर बंद हुआ था।
वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि आज के कारोबार में ग्लोबल मार्केट का दबाव जारी रहेगा। वहीं पिछले सत्र में भी ग्लोबल मार्केट के दबाव के कारण बाजार में शुरुआती गिरावट आई थी, लेकिन निवेशकों का सेंटिमेंट पॉजिटिव होने की वजह से दोबारा खरीदारी बढ़ी और बाजार ने अपना रिकॉर्ड स्तर छुआ।
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चीन में लॉकडाउन की वजह से हो रहे प्रदर्शन का असर ऐपल की यूनिट पर भी पड़ा है, जिससे अमेरिकी शेयर बाजार में इस कंपनी के शेयर गिर गए हैं। यही कारण रहा कि पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिका के सभी स्टॉक एक्सचेंज पर गिरावट दिख रही है। S&P 500 पर 1.54 फीसदी तो Nasdaq Composite पर 1.58 फीसदी का नुकसान दिखा। इसके अलावा Dow Jones भी 1.45 percent गिरावट के साथ बंद हुआ है।
जहां अमेरिका की तर्ज पर यूरोपीय बाजारों में भी पिछले कारोबारी सत्र के दौरान गिरावट रही और सभी प्रमुख शेयर बाजार नुकसान के साथ बंद हुए। वहीं यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शामिल जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 1.09 फीसदी के नुकसान पर बंद हुआ, जबकि फ्रांस का शेयर बाजार 0.70 फीसदी के नुकसान पर रहा। वहीं लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर भी पिछले सत्र में 0.17 फीसदी की गिरावट दिखी।