Lok Sabha Election 2024- गुजरात के नवसारी की जनता ने पिछले आम चुनावों में इतिहास रच दिया था। बीजेपी उम्मीदवार सी. आर. पाटिल को छह लाख 89,000 से ज्यादा वोटों से जीत दिलाई थी। जीत का अंतर पूरे देश में सबसे ज्यादा था।2008 में हुए परिसीमन के बाद से मौजूदा सांसद सीआर पाटिल 2009 से लगातार जीत रहे हैं।सी. आर. पाटिल गुजरात के बीजेपी अध्यक्ष भी हैं। नवसारी की जनता का कहना है कि उन्होंने इलाके में बहुत विकास कराया है। सी. आर. पाटिल का दावा है कि बिना प्रचार के भी वे नवसारी से जीत सकते हैं।
कुछ लोगों को मौजूदा सांसद से शिकायतें भी हैं। कुछ योजनाओं के पूरे न होने से वे उनसे खफा हैं।पिछली बार की बड़ी जीत से बीजेपी को इस बार भी नवसारी में जीत का भरोसा है।2019 के चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटें जीतीं थीं।नवसारी में बीजेपी की तैयारी पूरी है लेकिन कांग्रेस ने अभी तक गुजरात की किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है।
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चुनावी विश्लेषक नरेश वारिया ने कहा कि सामने से देखे तो यहां कांग्रेस की हालत खस्ता है। उन्हें यहां उम्मीदवार ढूंढ़ना भी मुश्किल हो रहा है ऐसे हालात है। नवसारी ने पिछली 2019 के लोकसभा चुनाव संसदीय क्षेत्र का तो सबसे ज्यादा मत लीड उन्होंने प्राप्त किया सीआर पाटिल ने 6,89,000 से ज्यादा उनको वोट मिले थे लीड के तौर पर तो मैं समझता हूं कि बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है। गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल भी बढ़ा दिया गया है, इसीलिए उन्हें चुना गया है।
नवसारी सीए विनोद देसाई ने कहा कि क्या हुआ है कि यहां एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया था, पीएम मित्रा पार्क स्थापित किया गया था। लोगों (जो विस्थापित हुए थे) को बुलेट ट्रेन और एक्सप्रेस हाईवे परियोजनाओं में अच्छा मुआवजा मिला। एक माल ढुलाई गलियारा शुरू हो गया है। एनयूडीए के साथ-साथ – नवसारी शहरी विकास प्राधिकरण के अधीन 98 गांव थे, वे महानगर पालिका क्षेत्र में सिमट कर सात गांव रह गए।
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रेलवे की हालत अच्छी नहीं है–वापी और सूरत के बीच लोकल ट्रेन थी, वह भी बंद हो गई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है, इसका समाधान होना चाहिए। उद्योग जगत में पीएम मित्र पार्क और पोहा उद्योग है, लेकिन इसके अलावा यहां ऐसा कुछ भी नहीं है जो बड़े पैमाने पर रोजगार देता हो।हीरे और वस्त्रों के संबंध में चीजें विपरीत दिशा में चली गईं। वस्त्रों में समग्र इकाइयां विकेंद्रीकृत हो गईं – वे ‘अहमदाबाद पैटर्न’ से ‘सूरत पैटर्न’ में बदल गईं। हीरे में उलटा हुआ निर्माता भी निर्यातक है और वे साइट धारक भी है – वे सभी केंद्रित हो गए और सूरत चले गए। नवसारी में (हीरा व्यापार की) स्थिति अच्छी नहीं है