नई दिल्ली (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)– लद्दाख में भारत-चीन ताज़ा झड़प के बाद बैठकों के दौर जारी है। मंगलवार को भी चुशूल में भारत चीन के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की वार्ता हुई,इधर दिल्ली में भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की। लद्दाख में भारत चीन के बीच ताज़ा झड़प के बाद बैठकों के दौर जारी है। इस झड़प को लेकर भारत और चीन के बीच एलएसी के चुशुल में ब्रिगेड कमांडर लेवल की वार्ता आज लगातार दूसरे दिन भी हुई।
चीन के साथ तनाव को लेकर बैठक के दौर दिल्ली में भी हुए। दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजीत डोभाल ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से ताजा हालात की जानकारी ली। इसके बाद एक और उच्च स्तरीय बैठक में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी रक्षा मंत्री के साथ बैठक में शिरकत की।
चीन से तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर चीन को नसीहत दी हैं।विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते दोनों देशों और दुनिया के लिए “काफी अहम” हैं. इसलिए दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे किसी ” समझ या संतुलन” पर पहुंचे। अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच के संवाद सत्र में जयशंकर ने कहा कि दुनिया के हर देश की तरह ही भारत भी चीन की उन्नति से परिचित है लेकिन भारत की तरक्की भी एक वैश्विक गाथा है।
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विदेश मंत्री जयशंकर डिजिटल कार्यक्रम में चीन के उभार, भारत पर उसके असर के साथ-साथ दोनों देशों के रिश्तों पर पड़े प्रभाव से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चार महीने से चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में जयशंकर की यह टिप्पणी आई है।इस विवाद का असर व्यापार और निवेश समेत सभी रिश्तों पर पड़ा है।
इससे पहले चीन के साथ ताज़ा झड़प को लेकर भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि 29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सेना के अतिक्रमण के जवाब में भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण में अपने सैनिकों की तैनाती को मजबूत किया और चीन के जमीन पर यथा-स्थिति बदलने के एक तरफे इरादे को नाकाम कर दिया गया।
ख़बर हैं कि भारतीय सेना ने न केवल केवल चीनी घुसपैठ को नाकाम किया बल्कि इसका जवाब देते हुए ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा भी जमाया और वहा से चीनी सेना के कैमरे और सर्विलांस उपकरणों को हटा दिया। दोनों देशों के बीच हुई ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत में चीन ने ये मसला उठाया है कि भारत ने हिलटॉप पर कब्जा किया है। लेकिन इसी बैठक में भारत ने भी चीन की घुसपैठ का विरोध किया हैं।
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इतना ही नहीं चीन दावा कर रहा है कि भारत के सैनिकों ने LAC को पार किया है।अगर चीन के दावे को सही मानें तो भारत ने जिस रेकिन ला पर कब्जा किया है वो चीनी क्षेत्र के तीन किलोमीटर अंदर तक है। हालांकि, भारतीय सेना की ओर से इस पूरे ऑपरेशन को लेकर किसी तरह का खुलकर जवाब नहीं दिया गया हैं। बहरहाल घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद चीन के बौखलाहट भरे बयान काफी कुछ बयान कर रहे है।