अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर लोक सभा अध्यक्ष ने संसद भवन परिसर में योग अभ्यास का नेतृत्व किया

(प्रदीप कुमार )- International yoga day-अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन परिसर में योग अभ्यास का नेतृत्व किया। इस अवसर पर ओम बिरला ने सभी विशिष्टजनों और उपस्थित अन्य जनों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज के दिन सभी भारत वासियों के साथ विश्व के 200 से अधिक देशों की जनता भी योग कर रही है। श्री बिरला ने हर्ष व्यक्त करते हुए सूचित किया कि सदन के नेता प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्व कई देशों के प्रतिनिधियों के योग अभ्यास में नेतृत्व करेंगे।
भारत की सांस्कृतिक विरासत के सन्दर्भ में ओम बिरला ने बताया कि योग जन जन, समाज और सम्पूर्ण विश्व को जोड़ने एक कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि आज भारत पूरे विश्व को जोड़ने का पुनीत कार्य कर रहा है तथा पूरे विश्व में शांति, स्थिरता एवं शारीरिक व् मानसिक स्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहा है।  ओम बिरला ने कहा कि योग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है और इसके विश्वव्यापी, सर्वव्यापी लाभ आज सभी को मिल रहे हैं।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम “योगा फॉर वसुधैव कुटुंबकम” का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि योग के रूप में भारत ने दुनिया को एक अनुपम उपहार दिया है तथा सभी को स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की उपयोगिता बताई है। ओम बिरला ने आगे कहा कि जिस प्रकार लोकतंत्र भारत की प्राचीन संस्कृति है, उसी तरह योग देश की जीवन शैली और चिंतन शैली है, जिसे आज दुनिया अपना रही है।

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ओम बिरला ने बताया कि योग ने समकालीन समय में समग्र स्वास्थ्य क्रांति के युग का संचार किया है जिसमें इलाज के बजाय रोग गतिरोधक क्षमता के निर्माण  पर अधिक ध्यान दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आज के बदलते परिप्रेक्ष्य में विश्व ‘इलनेस’ से ‘वेलनेस’ की ओर जा रहा हैं और योग सभी लोगों को इसके लिए समर्थ बना रहा है।
ओम बिरला ने यह भी बताया कि योग ऐसी विद्या है, जो सभी को शरीर और मन से स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखाती है। साथ ही योग सभी देशवासियों के जीवन दर्शन और जीवन पद्धति में है। इस सन्दर्भ में बिरला ने बताया कि योग व्यक्ति को समग्र रूप से स्वयं को रूपांतरित और विकसित करने की आध्यात्मिक विद्या है और इसी कारण वर्तमान में योग की लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ी है।
ओम बिरला ने आगे कहा कि योग किसी पंथ विशेष या समूह विशेष का नहीं है, बल्कि समस्त मानवता की अनमोल विरासत है और एक स्वस्थ विश्व का आधार है। उन्होंने कहा कि योग शारीरिक और मानसिक अनुशासन का संयोजन है जो शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाता है जिससे मन को शांत और नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। योग के अनगिनत लाभों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि योग मनुष्य की कार्य कुशलता व कार्यक्षमता को बढ़ाता है, तथा कार्यशैली को बेहतर बनाता है। ओम बिरला ने आह्वाहन किया कि ‘योग से सहयोग तक’ की धारणा को आत्मसात करते हुए सभी देशवासी मानव कल्याण को सुनिश्चित करें।

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