एक ऐसा खेल जिसमे कोई खिलाड़ी भी मैदान में उतरने से पहले कतरा जाए लेकिन ऐसा ही एक अजीब रिति रिवाजों वाली प्रतियोगिता का आज से आयाजन हो रहा है। जी हां ये प्रतियोगिता तमिलनाडु के मदुरै के अवनियापुरम गांव में 15 जनवरी यानि आज से इसकी शुरूआत हो गई है। इस खेल को जल्लीकट्टू के नाम से जाना जाता है।
बता दें कि मदुरै के तीन गांवों में इसका आयोजन किया जाना है। 16 जनवरी को पलमेडु और 17 जनवरी को अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू खेला जाएगा। इससे पहले 7 जनवरी को मदुरै जिला प्रशासन ने इसी महीने होने वाले ‘जल्लीकट्टू’ के लिए गाइडलाइंस जारी की थी। रविवार सुबह ही अवानियापुरम में बैलों के साथ खेले जाने वाले इस खेल को शुरू कर दिया गया।केवल 25 खिलाड़ी ही (एक समय में) खेलेंगे। हम 300 से लेकर 800 से अधिक खिलाड़ियों (पूरे आयोजन में) के भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं।
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तमिलनाडु में होने वाली जल्लीकट्टू प्रतियोगिता होती है। जल्लीकट्टू खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जिसमें पहले तो मवेशियो की पूजा कि जाती है और सारे रिति रिवाजो के साथ मैदान में सांड को छोड़ा जाता है। जिसमें प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी बिना जाम माल की परवाह किए बगैर मैदान में उतरते है। छोड़े गए सांड को घंटो तक बड़ी मशक्कत के साथ उन्हें काबू कर पाते है । ये पूरा नजारा बेहद ही भयभीत कर देने वाला होता है। जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम भी किए जाते है। मैदान के आस पास पूरी सुरक्षाबलों की कड़ी चाक चौबंद भी रहती है,जहां खिलाड़ियों के साथ ही सांडों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। दर्शक भी सुरक्षित रहें, इसलिए जहां बैलों के साथ खेल खेला जाता है वहां 3 स्तर की बैरिकेंडिंग लगाई गई है।