( प्रदीप कुमार )- कर्नाटक में कल 20 मई को हो रहे कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं की एकजुटता भी दिखेगी।हालांकि ममता बनर्जी इस समारोह में अपने प्रतिनिधि के तौर पर सांसद काकोली घोष दस्तीदार को भेज रही है।
कर्नाटक में कल 20 मई को होने वाले कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख विपक्षी नेता शामिल हो रहे है।सिद्धारमैया 20 मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ डी.के. शिवकुमार भी शपथ लेंगे जो इस सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे। इस मौके पर कांग्रेस विपक्ष के प्रमुख नेताओं को मंच पर आमंत्रित करके विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की तैयारी में है।
हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी हालांकि ममता बनर्जी की प्रतिनिधि के तौर पर सांसद काकोली घोष दस्तीदार शपथ ग्रहण समारोह में शामिल रहेंगी, इसके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित किया है।
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्यौता भेजा गया है हालांकि खबर है कि बीएसपी प्रमुख मायावती को न्यौता नहीं भेजा गया है।वही बीआरएस पार्टी प्रमुख तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को भी आमंत्रित नही किया गया है। दरअसल कांग्रेस ने कर्नाटक में शपथ ग्रहण के मौके पर राज्यों के समीकरण के हिसाब से विपक्षी दलों को आमंत्रित किया है। कांग्रेस की मंशा का नाटक में शपथ ग्रहण समारोह के जरिए विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की है।
अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जेडीयू के शीर्ष नेता बिहार के मुख्यमंत्री बनीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास के तहत खड़गे कई विपक्षी नेताओं से बात और मुलाकात कर चुके हैं।दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर एक मंच पर आने की सलाह दे चुके हैं।आने वाले दिनों में बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक बैठक भी हो सकती है