कर्नाटक: तिरुमाला मंदिर में घी सप्लाई पर विवाद

नंदिनी ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बेचने वाले कर्नाटक मिल्क फेडरेशन या केएमएफ के तिरूपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर को घी की सप्लाई को लेकर कर्नाटक में विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस सरकार के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है।मंदिर का प्रबंधन करने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम या टीटीडी बोर्ड टेंडर के जरिये घी विक्रेता को चुनता है। इस साल केएमएफ ने टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार करने का फैसला किया क्योंकि वो हाल में दूध की कीमत बढने के बाद कम कीमत पर घी मुहैया नहीं करा पा रहा। Karnataka Tirumala Temple

हांलाकि टीटीडी और केएमएफ दोनों ने इसके पीछे किसी भी राजनैतिक मकसद से इनकार किया है लेकिन कर्नाटक में बीजेपी मंदिर के घी सप्लायर को बदलने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को दोषी ठहरा रही है।

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चलवाडी नारायणस्वामी, बीजेपी एमएलसी ने कहा करीब 8000 किलो घी का बाजार कहां मिलेगा, तिरूपति मंदिर एक थोक खरीदार है, आपको उनसे बातचीत करनी होगी। ये काम आसानी से किया जा सकता है लेकिन सरकार को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।

चीफ व्हिप  सलीम अहमद ने कहा कि जब बीजेपी की सरकार थी तो ये ठेका रद्द हो गया। उन्हें शर्म आनी चाहिए। ये हमारी सरकार नहीं है जिसने ये फैसला लिया है। डेढ़ साल पहले उन्होंने ठेका रद्द कर दिया था। वे नंदिनी के बारे में इतनी बात करते हैं तो उन्होंने अनुबंध जारी क्यों नहीं रखा। अब कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता, ये तो डेढ़ साल पहले ही हो गया था। ये अब संज्ञान में आया है. उसी वक्त उन्हें फैसला लेना चाहिए था। वे कोई फैसला नहीं ले सके। सरकार स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रही।

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कर्नाटक मिल्क फेडरेशन प्रबंध निदेशक जगदीश एम के का कहना हैं कि एक संगठन के रूप में टीटीडी कम कीमत बताने वाले से घी लेता है। इसलिए मुझे लगता है कि किसी ने केएमएफ से कम कीमत बताई होगी और उन्हें टेंडर दे दिया गया होगा। और ये एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें कोई विवाद नहीं है. हम कम से कम आगे से आपूर्ति जारी रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमने सिर्फ कीमत के मुद्दे के कारण 2021-22 में आपूर्ति रोक दी थी।

इस बीच टीटीडी बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने पिछले 20 सालों के दौरान मंदिर को नियमित आधार पर घी की आपूर्ति नहीं की है।
पिछले 20 सालों में हमने उनसे (केएमएफ) हर साल (घी) नहीं लिया है। हमने तभी खरीदारी की जब उन्होंने सबसे कम दरें बताईं। न्यूनतम दरें न बताने के बावजूद हमने उनसे खरीदारी नहीं की है। ये केएमएफ को रिजेक्ट करने के बारे में नहीं है। अगर वे टेंडर प्रक्रिया से गुजरेंगे और एलवन रेट देंगे तो हम ऑर्डर देंगे। यदि वे एलवन दर प्रस्ताव भेजेते हैं तो हम स्वीकार करेंगे।”

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