केरल के स्कूलों में गुजरात दंगे और महात्मा गांधी की हत्या जैसे चैप्टर्स की होगी पढ़ाई

 (दीपा पाल )-Kerala News in Hindi – केरल में उच्च माध्यमिक छात्रों को मुगल राजवंशों, गोधरा दंगों और महात्मा गांधी की हत्या के बारे में पढ़ने को मिलेगा। राज्य सरकार जल्द ही छात्रों के लिए नई किताबें लाएगी, जिनमें ये अध्याय शामिल होंगे। इन अध्यायों को एनसीईआरटी ने 11वीं और 12वीं क्लास की किताबों से हटा दिया है।मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन 23 अगस्त को एक सरकारी स्कूल में आयोजित समारोह में उन किताबों का विमोचन करेंगे। छात्रों के लिए इसके अध्याय ऑनलाइन भी उपलब्ध होंगे।

केरल शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार 11वीं और 12वीं के लिए अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान की किताबों से वैज्ञानिक और ऐतिहासिक सत्य को हटाने की कोशिश कर रही है।केरल सरकार ने उच्च माध्यमिक क्लास की किताबों से इन अध्यायों को हटाने पर कड़ा रुख अपनाया था। नई किताबों में इन अध्यायों को शामिल करने के लिए खास समिति बनाई गई थी।

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शिक्षा मंत्री ने आगे कहा हम सभी ने ये बातें अपनी किताबों से सीखीं। लेकिन केंद्र ने ये रुख अपनाया है कि आने वाली पीढ़ियों को ये सच्चाईयां नहीं जाननी चाहिए। केरल ने पहले ही कहा था कि ये फैसला स्वीकार नहीं हैं। इसलिए पाठ्यक्रम समिति ने इस मामले पर गौर किया है और दो खंड जारी किए जाएंगे। राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।

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कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि केरल सरकार ने इन सभी भागों को केरल पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है। ये स्वागत करने लायक कदम है। हम इसे स्वीकार करते हैं। मुझे नहीं पता कि केंद्र सरकार ने इस तरह का रुख क्यों अपनाया है जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। छात्रों को बताएं कि देश में क्या हो रहा है। उन्हें बताएं कि इस देश में क्या हुआ था। लोगों को इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए।

 सरकार के इस फैसले को छात्रों के अभिभावकों और शिक्षकों का भी समर्थन मिला है

छात्र दिव्या  का कहना है कि मेरा मानना ​​है कि बच्चों को अपने यहां का इतिहास जानना चाहिए। ये पक्षपातपूर्ण नहीं होना चाहिए। ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हम सभी ने अपनी किताबों से इतिहास जाना है। हालांकि जब मैं स्कूल में थी तो मुझे विषय के रूप में इतिहास कभी पसंद नहीं था। लेकिन अब मैंने भारत के इतिहास के बारे में लगभग सब कुछ जान लिया है और मैं अपने बेटे को इसे जानने में मदद कर सकती हूं। लेकिन मौजूदा नीतियों से मुझे संदेह है कि मेरा बेटा अपने बच्चों को हमारा इतिहास सीखने में मदद कर पाएगा।केरल में पहली से 10वीं क्लास तक वहीं की किताबें पढ़ाई जाती हैं। इस वजह से एनसीईआरटी की किताबों से उन अध्यायों को हटाने का राज्य पर खास असर नहीं पड़ा।हालांकि 11वीं और 12वीं क्लास में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाती हैं।

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