जानिए परिवार पहचान पत्र के संबंध में हुई समीक्षा बैठक में सीएम खट्टर ने अधिकारियों को क्या दिए निर्देश

अनिल कुमार, (टोटल न्यूज चंडीगढ़): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समाज के हर परिवार के उत्थान के साथ-साथ अंत्योदय दर्शन के अनुरूप पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने की प्रतिबद्धता के तहत राज्य सरकार ने एक व्यापक कार्य योजना तैयार की है, जिसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर जोर देते हुए प्रत्येक नागरिक का सर्वांगीण विकास व कल्याण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए परिवार पहचान पत्र में एकत्रित नागरिकों के डाटा को आयु वर्ग के अनुसार 5 वर्गों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक वर्ग का जिम्मा एक विभाग को सौंपा गया है। प्रत्येक विभाग आयु वर्ग के अनुसार उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार इत्यादि सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ इनका संपूर्ण रिकॉर्ड भी रखेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में परिवार पहचान पत्र के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 साल तक की आयु के बच्चों का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है। विभाग इन बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान रखेगा। साथ ही, विभाग हर बच्चे की ट्रैकिंग भी रखेगा कि वह बच्चा 6 साल तक की आयु तक घर पर, आंगनवाड़ी में या स्कूल में जा रहा है और उसे जरूरी पोषक आहार उपलब्ध हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि बच्चों को यदि शुरुआत में ही अच्छा पोषण और शिक्षा मिलेगी तो उसकी बुनियाद मजबूत बनेगी और वे जीवन में सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने ‌अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सब ‌गतिविधियों को अमल में लाने के लिए जल्द एक कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वित करें। इसके अलावा उन्होंने बच्चों की डे-केयर के लिए क्रैच स्थायपित करने की प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उससे भी कई अधिक स्कूली शिक्षा का महत्व है। इसलिए कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इस विजन के साथ 6 साल से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों का जिम्मा स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। विभाग हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की विशेष ट्रैकिंग रखेगा, ताकि ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सके।

 

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विभाग के पास हर बच्चे का डाटा रहेगा कि वह स्कूल या आईटीआई या अन्य किसी संस्थाान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है या नहीं। उन्होंने अधिकारियों को ट्रैकिंग के लिए विशेष सैल स्था पित करने तथा एसओपी बनाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, 18 साल से 24 साल आयु वर्ग तक के बच्चों का जिम्मा उच्चतर शिक्षा विभाग और 25 साल से 60 वर्ष तक आयु वर्ग का जिम्मा रोजगार विभाग को सौंपा गया है। यह विभाग युवाओं के रोजगार के साथ – साथ उनके कौशल विकास पर भी जोर देंगे। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र ऑथोरिटी द्वारा इन विभागों को हर माह डाटा प्रेषित किया जाएगा। विभाग अपने स्तर पर यह गतिविधियां अमल में लाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शी सिस्टम के साथ आगे बढ़ रही है और राज्य के प्रत्येक नागरिक के कल्याण के लिए सभी सरकारी सुविधओं और योजनाओं का लाभ घर बैठे प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिवार पहचान पत्र में डाटा गलत होने या डाटा में बदलाव करने संबंधित नागरिकों द्वारा आवेदन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिए ‌जिला स्तर पर अतिरिक्त उपायुक्त के नेतृत्व में शिकायत निवारण सैल स्थापित किया जाए। बैठक में बताया गया कि जल्द ही परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर चैटबॉट शुरू किया जाएगा, जिसमें आम बोल चाल की भाषा में बात करके नागरिक पीपीपी से संबंधित कोई भी सवाल का जबाब प्राप्त कर सकेंगे और अपनी शिकायत का समाधान कर सकेंगे। इस चैटबॉट में हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेजी भाषा को जोड़ा जाएगा। बैठक में बताया गया कि परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर 70 लाख परिवारों और 2.80 करोड़ सदस्यों का डाटा अपडेट हो चुका है। अधिकतम परिवारों का जाति, जन्म तिथि, आय का सत्यापन पूरा किया जा चुका है। पीपीपी के माध्यम से बिना किसी परेशान या सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे बिना लगभग 11 हजार से अधिक नागरिकों की वृद्धवस्थाक पेंशन बनाई गई है। इसके अलावा, पीपीपी के माध्यम से लगभग 1.63 लाख अनुसूचित जाति तथा 24 हजार से अधिक पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र भी बनाए गए हैं। इससे नागरिकों को बहुत लाभ मिला है।

 

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