(अवैस उस्मानी):शराब नीति मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया की ED और CBI मामले में जमानत की अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस SVN भट्टी की पीठ ने मनीष सिसोदिया, ईडी और CBI की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सिसोदिया को सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है, उनके भागने कोई खतरा नहीं है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी का यह कहना गलत है कि नई शराब नीति के कारण कीमतें बढ़ीं, जबकि पॉलिसी के बाद ग्राहकों को मिलने वाली कीमत भी कम हुई थी। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ED का आरोप यह है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई, जबकि नई नीति समितियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से बनाई गई और तत्कालीन एलजी ने इसकी मंजूरी दी थी।
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मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर सुनवाई के दौरान सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं है, सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं। सिसोदिया के वकील ने कहा कि इंडोस्पिरिट्स को लेकर यह आरोप है कि याचिकाकर्ता ने इंडोस्पिरिट को लाइसेंस देने के लिए उत्पाद शुल्क अधिकारियों पर दबाव डाला, जबकि इस आरोप को लेकर जांच एजेंसी के पास सबूत नहीं है, फाइल से पता चलता है कि उन्होंने नियम के अनुसार काम करने का निर्देश दिया है। सिसोदिया की वकील ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ किसी मनी ट्रेल का पता नहीं चला, ED कहती है कि एक कंपनी ने मुनाफा कमाया और नीति मैंने बनाई थी जिससे कंपनी को मदद मिली। सिसोदिया के वकील ने कहा कि जब ट्रायल शुरू होना है और जब मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो आप मुझे 500 गवाहों और 50,000 दस्तावेजों की दलील देकर सलाखों के पीछे नहीं रख सकते हैं।मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए कुछ नहीं है कि इंडोस्प्रिट को मनीष सिसोदिया के कानून का उल्लंघ करके लाइसेंस दिया।
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सुप्रीम कोर्ट में आज मामले की सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट की सुनवाई में अपनी तरफ से देरी नहीं करेंगे।ED ने कोर्ट को बताया कि अभी मामले में दस्तावेज़ों की स्कूटनी का काम चल रहा है। ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शराब नीति मामले में ट्रायल 9 से 12 महीने में पूरा किया जा सकता है।जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मामले में 294 गवाह, 21,000 और 35,000 दस्तावेज़ शामिल हैं। जस्टिस संजीव खन्ना ने सिसोदिया के वकील से कहा कि ED यह नहीं कह रही है कि पैसा आपके पास आया है, ED कह रही है सिसोदिया की संलिप्तता के कारण अपराध की आय में सहायता हुई। सिसोदिया के वकील ने कहा कि CBI केस में कोई आरोप नहीं है, अगर कोई अपराध नहीं है तो ईडी वहां नहीं आ सकती है।सिसोदिया के वकील ने कहा कि जांच एजेंसियां कहती हैं कि चूंकि मेरी नीति ने एक कंपनी को मुनाफा कमाने में सक्षम बनाया इसलिए मैं इसमें शामिल हूं, जबकि जांच एजेंसी को मुझे या मेरे परिवार के सदस्यों को कोई पैसा दिया जाना नहीं मिल पाया। सिसोदिया के वकील ने कहा कि ED अब कह रही है कि एक कंपनी द्वारा अर्जित मुनाफा अपराध की आय है, आरोपों का मुझसे कोई संबंध नहींहै, यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि मैंने इंडोस्पिरिट्स को लाइसेंस देने में हस्तक्षेप किया। मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि विजय नायर को प्रिडिकेट ऑफेंस में ज़मानत मिल चुकी है, विजय नायर से मेरे संबंध को दिखाने के लिए जांच एजेंसी के पास कुछ नहीं है।।मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा ED का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट किया, क्या FIR दर्ज होने से पहले फोन बदलना सबूतों से छेड़छाड़ कैसे बन गया?