Lok Sabha Election 2024- INDIA गठबंधन मे सपा और रालोद के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा हैं. अखिलेश और जयंत के बीच सीट को लेकर बड़ा सकंट आ गया हैं. इस सियासी जंग में यह भी चर्चा है कि रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी गठबंधन को छोड़ कर NDA में शामिल हो सकते है .
आपको बता दे कि छपरौली में 12 फरवरी को चौधरी अजित सिंह की प्रतिमा को अनावरण का कार्यक्रम था लेकिन ये क्रार्यक्रम टल गया. लोकदल ने इस कार्यक्रम की तैयारिया बड़े पैमाने पर की थी.रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी को इस कार्यक्रम में आना था। इतने बड़े कार्यक्रम के अचानक टल जाने से राजनीतिक गलियारों में इसके अनन्य कारणों पर चर्चा शुरू हो गई। एक वर्ग इसे रालोद की एनडीए से नजदीकी के तौर पर भी देख रहा है।
Read also – एमपी में12वीं की परीक्षाएं शुरू,नकल रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम,पेपर लीक करने वाले पर10 लाख का जुर्माना
सूत्रों के अनुसार, सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रखी है। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेच फंस गया। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी।
रालोद के मुजफ्फरनगर न छोड़ने के वाजिब कारण भी हैं। यहां से पिछला चुनाव चौधरी अजित सिंह मात्र साढ़े छह हजार वोटों से भाजपा के डॉ. संजीव बालियान से हारे थे। इस लोस सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधासनभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है।
खतौली सीट रालोद ने उपचुनाव में जीती थी। उधर, कांग्रेस और सपा के बीच भी बात बनती नहीं दिख रही। कांग्रेस 11 सीटों से संतुष्ट नहीं है।
बता दें कि इससे पहले चार फरवरी को मथुरा में रालोद का युवा संसद कार्यक्रम भी खराब मौसम का कारण बताकर स्थगित कर दिया गया था।