लोकसभा अध्यक्ष ने संत सेवालाल और रूप सिंह महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को किया संबोधित

( प्रदीप कुमार ), दिल्ली- लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज नई दिल्ली में संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संत सेवालाल और रूप सिंह महाराज की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर ओम बिरला ने शिवाजी जयंती के अवसर पर छत्रपति शिवाजी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए । उन्होंने संत सेवालाल के चित्र पर भी पुष्पांजलि भी अर्पित की। श्री बिरला ने भारतीय इतिहास में शिवाजी के योगदान का स्मरण करते हुए कहा किउनका जीवन प्रतिकूल परिस्थितियों में शौर्य और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी का जीवन सदियों से भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।

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संत सेवालाल के जीवन के बारे में बात करते हुए बिरला ने पारंपरिक रूप से खानाबदोश और समाज में सबसे अधिक उपेक्षित समुदायों में शामिल, बंजारा समुदाय के कल्याण के प्रति संत सेवालाल के अथक समर्पण का उल्लेख किया। बंजारा समुदाय के उत्थान के लिए संत सेवालाल के दूरदर्शी दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, बिरला ने कहा कि उन्होंने अपने अथक प्रयासों से समाज के हाशिए पर रहने वाले इस वर्ग के जीवन को बदलने में मदद की।ओम बिरला ने यह भी कहा कि संत सेवालाल आयुर्वेद के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा के भी पक्षधर थे, जिससे उन्हें इन चिकित्सा प्रणालियों को लोकप्रिय बनाने में मदद मिली। साथ ही उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और विभाजनों को दूर करने के लिए भी प्रयास किए , जिससे बंजारा समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करने में बहुत मदद मिली। बिरला ने कहा कि उन्होंने बंजारों के व्यक्तित्व विकास का भी समर्थन किया ताकि उनकी अद्वितीय सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ ही उन्हें ऐसे मिथकों और अंधविश्वासों से छुटकारा दिलाया जा सके ।

ओम बिरला ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बंजारा समुदाय के योगदान के बारे में बात करते हुए उन कठिनाइयों का उल्लेख किया जिसका सामना इस समुदाय के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किया । यह टिप्पणी करते हुए कि पूरे देश में मौजूद बंजारा समुदाय की संस्कृति साझा है और खानपान, भाषा और विरासत एक समान है, श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि अतीत की सामाजिक विभाजन और भेदभाव की नीतियों को दूर किया जाना चाहिए और समाज का कायाकल्प किया जाना चाहिए ताकि बंजारा समुदाय के युवाओं की आशाएं और आकांक्षाएं पूरी हों और उन्हें विकसित भारत में अपना उचित स्थान मिले । इस अवसर पर विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और संसद सदस्य, डॉ. उमेश जाधव उपस्थित रहे।

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