लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में आयोजित ‘कलश यात्रा’ का उद्घाटन किया। आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस आयोजन में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ओम बिरला ने गायत्री परिवार और देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा शांति कुंज और देवभूमि उत्तराखंड को आध्यात्मिकता का एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना की।ओम बिरला ने गायत्री परिवार के साथ लंबे समय से अपने जुड़ाव का उल्लेख भी किया।
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इस अवसर पर, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी को नमन करते हुए ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने आजीवन ‘कलियुग’ के बीच एक नया ‘सत्य युग’ लाने के लिए कार्य किया । संगठन की शुरुआत के दिनों का स्मरण करते हुए ओम बिरला ने बताया कि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी के अटल संकल्प से गायत्री परिवार एक ऐसे केंद्र के रूप में विकसित हुआ जिससे लाखों लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ । उन्होंने ज्ञान का प्रचार-प्रसार करने और राष्ट्र को जागृत करने के यात्रा के मिशन की सराहना की।
राष्ट्र निर्माण में गायत्री परिवार की भूमिका का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय में जब भारत में कुछ ताकतें, खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में, एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, वहीं गायत्री परिवार भारत को एकजुट करने के लिए काम कर रहा है। ओम बिरला ने जन जागरण की दिशा में कलश यात्रा के महत्व पर भी जोर दिया और सभी से आग्रह किया कि वे इस यात्रा से अपने मन और चेतना को आलोकित करते हुए पूरे देश में ज्ञान और प्रज्ञा का प्रसार करने का संकल्प लें।
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ओम बिरला ने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन और कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सामाजिक सक्रियता के साथ ही उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण योगदान किया । अध्यक्ष महोदय ने यह भी कहा कि गहन सांस्कृतिक जागृति से और अपनी समृद्ध विरासत को समझने से ही देश की प्रगति होगी और इस तरह की जागरूकता और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए पंडित श्रीराम शर्मा की कृतियों की सराहना की।
अपने संबोधन के अंत में ओम बिरला ने आशा व्यक्त की कि यह कलश यात्रा पूरे देश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जागृति लाने के एक शक्तिशाली माध्यम के साथ ही एकता का प्रतीक भी होगी । उन्होंने दीप से दीप जलाने, पूरे देश में प्रगति, समृद्धि और शांति का प्रकाश फैलाने तथा विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में सामूहिक प्रयास करने के महत्व पर बल दिया।