Mathura News- (अवैस उस्मानी )- मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पास नई बस्ती में रेलवे की भूमि पर कब्जा करने वालों के मकानों पर बुलडोजर करवाई पर रोक लगाने मांग का मामले में रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किए गए हिस्से को ध्वस्त किया जा चुका है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर सुनवाई का कोई औचित्य नही रह गया है…Mathura News
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यथास्थिति आदेश कल समाप्त हो रही है, फिलहाल कोर्ट ने यथास्तिथि के आदेश को फिलहाल नहीं बढ़ाया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को रेलवे के जवाब पर रिप्लाई दाखिल करने के लिए समय दिया।14 अगस्त को रेलवे लाइन पर अतिक्रमण करने वाले मकानों पर जेसीबी चली थी।
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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांतो सेन ने कहा कि बुलडोज़र कार्यवाही में लगभग 200 घरों को गिराया जाना है, इससे तीन हज़ार लोग प्रभावित होंगे, यह लोग 100 साल से ज़्यादा समय से यहां पर रह रहे हैं। उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है। मथुरा से बृंदावन के बीच मीटर गेज रेल ट्रैक था।
इस दौरान शाम तक 75 मकानों को तोड़ दिया गया था। वहीं, चिह्नित किए गए 135 मकानों में 60 को नौ अगस्त को तोड़ा गए। मथुरा से वृंदावन को जोड़ने वाली रेल लाइन अभी मीटरगेज है. पिछले कई सालों से इस पर रेल सेवा बंद है। लाइन के दोनों तरफ लोगों ने पक्के मकान बना लिए हैं। रेलवे अब इस लाइन को ब्रॉड गेज करने जा रही है। रेलवे ने अपनी जमीन खाली करने के लिए वहां बसे लोगों को तीन बार नोटिस दिया लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
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उत्तर मध्य रेलवे ने इसको ब्रांड गेज करने का फैसला किया है। इसलिए रेलवे की तरफ से नई बस्ती से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। रेलवे ने नई बस्ती में करीब 15 अवैध अतिक्रमण को चिन्हित किया है। बुलडोज़र कार्यवाही पर रेलवे की तरफ से पहले कहा गया था कि अतिक्रमण करने वालों को जून में नोटिस दिया गया था, घरों को खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया गया था उसके बाद भी यह लोग यहीं पर रह रहे थे।