चरखी दादरी(प्रदीप साहू): मिड डे मिल वर्कर्स ने बकाया मानदेय में तुरंत बढ़ोतरी, वर्दी भत्ता दो ड्रेस के लिए एक वर्ष में कम से कम 1200 रुपये करने सहित अलग-अलग मांगों को लेकर सडक़ों पर उतरते हुए रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान रोष मीटिंग करते हुए दूसरे विभागों के साथ आंदोलन करने को लेकर रणनीति बनाई। साथ ही निर्णय लिया कि आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन करेंगे।
मिड डे मिल वर्कर्स यूनियन की प्रधान रेनू देवी व राजकुमार की अगुवाई में वर्कर्स की दादरी के रोज गार्डन में रोष मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में विभिन्न मांगों को पूरा करवाने के लिए जिला स्तर पर प्रदर्शन करने व बाद में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। निर्णय लिया कि इस बार वे अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करेंगी और जरूरत पडऩे पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। मीटिंग के बाद वर्कर्स ने सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंची और सीटीएम नरेंद्र कुमार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मिड डे मील वर्कर्स व सरकार के बीच मांगों को लेकर सहमति बनी थी। लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की बजाय विभाग को निजीकरण की ओर धकेल रही है। निजीकरण की आड़ में विभाग को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इस कारण वर्कर्स में भारी निराशा का माहौल बना हुआ है। उनकी मांग है कि वर्कर्स के बकाया मानदेय में तुरंत बढ़ोतरी की जाए। वर्दी भत्ता दो ड्रेस के लिए एक वर्ष में कम से कम 1200 रुपये मिलने चाहिए। वर्कर्स को 65 साल की उम्र तक काम करने की अनुमति दी जाए। अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो दूसरे विभागों के साथ मिलकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।