मानसून सत्र,राज्यसभा में आप पार्टी सांसद राघव चड्ढा व संजय सिंह हुए सस्पेंड

(प्रदीप कुमार)-संसद का मानसून सत्र आज आज संपन्न हो गया।संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। मणिपुर हिंसा पर चर्चा के गतिरोध के बीच 22 बिल लोकसभा में और 25 बिल राज्यसभा में पारित हुए। वही सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया। संसद का मानसून सत्र आज खत्म हो गया।सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सदन में सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 20 जुलाई से प्रारंभ हुए मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में 17 बैठकें हुई, जो लगभग 44 घंटे 15 मिनट तक चली। मानसून सत्र में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर 8, 9 और 10 अगस्त को चर्चा हुई। पीएम मोदी ने 10 अगस्त को चर्चा का जवाब दिया।अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में 19 घंटे 59 मिनट तक चर्चा हुई, 60 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया और यह अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया ।

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संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने मानसून सत्र के अंतिम दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा में 20 और राज्यसभा में पांच बिल पेश हुए। इनमें से 22 बिल लोकसभा में और 25 बिल राज्यसभा में पारित हुए। वहीं, 23 बिल दोनों सदनों में पारित किए गए।संसद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते समय कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दलों के सांसद सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सदन में तीन विधेयक पेश किए जाते समय ही विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था और वे बाद में भी सदन में वापस नहीं लौटे।
इधर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को आज एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया। वहीं ‘आप पार्टी’ के पहले से निलंबित राज्यसभा सांसद संजय सिंह का निलंबन भी बढ़ा दिया गया है।राज्यसभा सभापति जगदीप धनकड़ के मुताबिक दोनों सांसद विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के कुल 10 सांसद हैं।राज्यसभा के नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि संजय सिंह राज्यसभा के ऐसे सांसद हैं, जो बीते 12 सत्रों के दौरान 56 बार राज्यसभा के वेल में आए। उन्हें अभी तक अलग-अलग सत्रों के लिए सस्पेंड भी किया गया। बावजूद इसके उनके आचरण में कोई सुधार नहीं आया है। इसी को देखते हुए संजय सिंह के खिलाफ सख्त निर्णय लिया गया। वहीं, राघव चड्ढा को सदन में बार-बार गलत काम करने वाला व्यक्ति बताया गया है। संजय सिंह और राघव चड्ढा का निलंबन लंबे समय के लिए लागू रह सकता है।

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