MP Gun License Politics:भिंड विधायक से उम्मीद इतनी है कि कम से कम लाइसेंस तो मिल ही जाए और कुछ नहीं मिलेगा तो। भाई नौकरी तो खत्म कर दी, सब प्राइवेट होता जा रहा निजीकरण पर। खेती किसानी पर कोई ध्यान नहीं है। किसी चीज में मतलब कहूं से कहूं तक दूर-दूर तक कोई चीज है ही नहीं। और अपने नेता से हमें ये उम्मीद है कि कम से कम एक लाइसेंस तो हो ही जाएगा रिवाल्वर या बंदूक का तो सिक्योरिटी की नौकरी कर लेंगे।
राधा मोहन निवासी भिंडःहमारे युवा, हमारे बेरोजगार भाईयों को यहां से एक रोजगार मिलता है, जो महानगरों में जाकर एक हथियार या असलहों के माध्यम से या बंदूक के माध्यम से आप कह सकते हो कि रोजगार मिल सकता है। पर यहां के जो प्रशासन है, जो विधायक हैं, जो नेता हैं वो इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। वो अपने केवल लगे हुए चमचों को ही देते हैं, जो क्षेत्र में गुंडागर्दी पैदा करते हैं। बेरोजगारों को इस ओर कहीं कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
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रक्षपाल सिंह, बीएसपी प्रत्याशी भिंडःमेरा प्रयास रहेगा कि जो लोग अपने रोजगार के लिए, धंधे के लिए या नौकरी के लिए करेंगे तो मैं प्रयास करूंगा उन लोगों को मदद करें।राकेश सिंह चतुर्वेदी, कांग्रेस प्रत्याशी, भिंडःहथियार आत्मरक्षा के लिए होता है, लेकिन जब वो दूसरे की दुकान पर नौकरी कर रहा है तो वो हथियार उसकी रक्षा के लिए भी देना चाहिए, इससे वो उसका रोजगार बढ़ेगा कि नौकरी भी कर सकता है, दूसरे की सुरक्षा भी कर सकता है। लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकार ने आज तक उसमें कोई निर्णय नहीं लिया है। भिंड बेरोजगारों का शहर है, जिला है। अगर मैं फिर कह रहा हूं इस बात को अगर हमारे बच्चों को रोजगार कहीं से भी मिलेगा बंदूग से मिलेगा, नौकरी करके बाहर जाकर पूणा में, अहमदाबाद, मुंबई में, तो जो रोजगार करना चाहता हूं, जो सुरक्षा में जाकर नौकरी करना चाहता है और वो 30 हजार रुपये में अपने बच्चों को पाल लेगा, अपने बच्चों को पढ़ा लेगा, तो मुझे अगर ताकत मिली तो मैं बेशक उन बच्चों के रोजगार के लिए काम करूंगा।
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नरेंद्र सिंह कुशवाहा बीजेपी प्रत्याशी, भिंडःभिंड जिले में रोजगार के लिए हथियार लोग मांगते हैं। कुछ लोग गुजरात में हैं, कुछ लोग दिल्ली में हैं, अन्य-अन्य जगह नौकरी करने के लिए हथियार लोग मांगते हैं। और जरूरत पड़ेगी तो बात की जाएगी मध्य प्रदेश सरकार से कि इनको व्यवस्था हथियारों की की जाए।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में भिंड के वोटरों ने अपने जनप्रतिनिधियों के सामने अनोखी मांग रखी है। वोटरों का कहना है कि विधायक ऐसा चाहिए जो नौकरी नहीं तो कम से कम बंदूक का लाइसेंस तो बनवा ही दे।मध्य प्रदेश के चंबल में बंदूकों के लिए दीवानगी किसी से छिपी नहीं है, जिसमें भिंड जिला भी शामिल है। इसका अंदाजा चुनाव घोषित होने के बाद थाने में हथियार जमा कराने वालों की भीड़ से लगाया जा सकता है।इस इलाके में बंदूक केवल सामाजिक रुतबे का ही प्रतीक नहीं हैं बल्कि रोजगार का बड़ा जरिया भी है।चुनावी मौसम में वोटरों की शस्त्र लाइसेंस की मांग को राजनैतिक समर्थन भी मिल रहा है।मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होगा और तीन दिसंबर को वोटों की गिनती होगी।
( Source PTI )