दिल्ली नगर निगम ने 69 कॉलोनियों को घोषित किया जीरो वेस्ट कॉलोनी

(देवेश कुमार): दिल्ली नगर निगम ने 69 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है। जीरो वेस्ट कॉलोनी के आरडब्ल्यूए, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को सहभागिता योजना के तहत टैक्स में छूट दी जाएगी और प्रोत्साहन राशि के तौर पर जमा टैक्स में से 5 फीसदी राशि भी दी जाएगी। राजधानी दिल्ली में कूड़ा अक्सर सियासत का केंद्र रहा है हालांकि एमसीडी दिल्ली को हरा भरा और कचरा मुक्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है। हाल ही में हुए चुनाव में भी कूड़े का मुद्दा जोरशोर से उठा था कूड़े के निस्तारण के लिए दिल्ली नगर निगम लगातार काम कर रहा है।

दिल्ली नगर निगम की तरफ से अब शहर को हरित और कचरा मुक्त बनाने को लेकर कूड़े के स्रोत सौ फीसदी निस्तारित करने वाली यानी की जीरो वेस्ट कॉलोनी की लिस्ट जारी की है एमसीडी ने 69 कॉलोनी आरडब्ल्यूए और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है जिसमे हौज खास,बी 4 वसंत कुंज, तारा अपार्टमेंट सी आर पार्क, निजामुद्दीन पूर्व, लाजपत नगर , वेदांत अपार्टमेंट सेक्टर 23 द्वारका सूर्य किरण अपार्टमेंट, प्रिया अपार्टमेंट, करोलबाग क्षेत्र जैसी कॉलोनिया है।

निजामुद्दीन ईस्ट आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट और एमसीडी द्वारा चुनी स्वच्छ सुर्वेक्षण ब्रांड एंबेसडर सुष्मिता बक्शी लबे समय से कूड़े के निस्तारण के लिए काम कर रही है सुष्मिता बक्शी का कहना है कि कॉलोनी के घर से ही गीला कूड़ा, सूखा कूड़ा और ई-कूड़ा अलग-अलग किया जाता जो घर नही करता है वहा से कूड़ा नही लिया जाता है वहां से इकट्ठा करके फिर उसको कंपोस्टिंग पिट में डाला जाता है।

जीरो वेस्ट कॉलोनी में कचरे को गीला कचरा, सूखा कचरा और ई-कचरा अलग-अलग किया जाता है। इसके बाद गीले कचरे को खाद के गड्ढों में डाल दिया जाता है और ई-कचरे को रीसायकल केंद्र में भेज दिया जाता है। ऐसी कॉलोनियां शहर में कूड़ा निस्तारण की समस्या को हल करने में मदद कर सकती हैं ताकि कम से कम संभव कचरा लैंडफिल साइटों तक पहुंच सके। आरडब्ल्यूए प्रेजिडेंट सुमिता बक्शी का कहना है कि कंपोस्टिंग पिट एमसीडी को कॉलोनियों में बनाने चाहिए जिससे की लैंडफिल साइट पर कूड़ा ना पहुंचे।

कूड़े के निस्तारण के लिए एक्सपर्ट का मानना है कि किसी शहर से निकलने वाला 50% कचरा हरा कचरा होता है जिसे खाद में बदला जा सकता है। और 30 प्रतिशत कचरा रीसायकल किया जा सकता है मात्र 20 प्रतिशत ही लैंडफिल तक पहुंचना चाहिए। ऐसे में अगर कॉलोनी में ही कूड़ा खतम हो जाए तो गाजीपुर, भलस्वा और ओखला जैसे कूड़े के पहाड़ आने वाले समय में नही होंगे आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट सुष्मिता बक्शी ने बताया की निजामुद्दीन ईस्ट कॉलोनी से मात्र 15 प्रतिशत ही मुश्किल से लैंडफिल साइट जाता होगा।

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गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम ने 69 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है और अब इन कॉलोनियों को निगम सहभागिता योजना के तहत संपत्ति कर का 5% हिस्सा प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलेगा इस प्रोत्साहन राशि का इस्तेमाल निगम आरडब्ल्यूए, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की सहायता से कॉलोनी के विकास कार्य पर खर्च करेगी. फिलहाल निगम ने चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक सौ जीरो वेस्ट कॉलोनी बनाने का लक्ष्य रखा है।

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