उत्तराखंड में स्थित जोशीमठ इन दिनों गहरे संकट का सामना कर रहा है। यहां के घरों की दीवारें दरक रही है और जमीं धंस रही है। ऐसे बहुत सारे वीडियो सामने आ रहे है जिसमें लोग अपने घरों की टूटे हुए दीवारों को दिखा रहे हैं। लोग अपने घरों को बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जोशीमठ में हो रहे बार बार भूस्खलन से यहां के लोगों में डर का माहौल है वो इतनी ठण्ड में भी घर के बाहर सोने को मजबूर हैं। वहीं बहुत लोग वह से दूसरी जगहजगह प्रस्थान कर रहे हैं। इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की है। उन्होंने विस्तार पूर्वक मुख्यमंत्री से जोशीमठ को लेकर की चर्चा की और हर संभव प्रदेश सरकार को मदद देने का आश्वासन भी किया। फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ में चल रहे राहत बचाव कार्यों के बारे में भी ली जानकारी।
जोशीमठ में भू धसांव की घटना देखते हुए कई परिवारों को वहां से शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं पीएम मोदी इस मामले पर बैठक भी करेंगे। फ़िलहाल वहां के निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी गयी है। वहीं जोशीमठ में हो रही घटना पर त्वरित अध्ययन के लिए पैनल गठित कर दिया गया है।
बता दें की इन दिनो उत्तराखंड के जोशीमठ शहर की धंसती जमीं चिंता का विषय है। लोग आने वाली संकट से परेशान है। जिस तरह से लोगों के घरों की दीवारे दरक रही हैं उनको अपना घर टूटने का अंदेशा है। जिसके होने वाली अनहोनी से वो डर के साये में जीने को मजबूर है। लोग अपने घरों और दीवारों की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर अपनी परेशानी बता रहे है और उग्र होकर सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रहे है। वहीं इसका कारण सरकार द्वारा शुरू की गयी परियोजनाओं को भी बताया जा रहा है और कहा जा रहा है की इससे प्रकृति का ह्रास हो रहा है और इससे भूस्खलन की समस्या हो सकती है।
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जोशीमठ शहर प्रकिर्तिक रूप से काफी संवेदनशील क्षेत्र है। उत्तराखंड के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के रास्ते पर जोशीमठ शहर हाई रिस्क वाले भूकंपीय ‘जोन-वी’ में आता है। अब तक शहर के विभिन्न इलाकों में 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। यहां एनटीपीसी प्रोजेक्ट के खिलाफ जमकर विरोध भी हो चुका है। वहां रहने वाले परिवार वालों का कहना है की बहुमंजिला मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। खंभे गिर गए हैं, घर पूरी तरह झुक गया है और फर्श पर पानी भरा है। वहीं इस मामले पर सरकार ने गंभीरता को देखते हुए सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।
जोशीमठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है और इसे उस स्थान के रूप में जाना जाता है जहां सदियों पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी। फिलहाल यह बचाव राहत कार्य शुरू कर दिया गया है।