Mystery Of Universe: क्या है डार्क मैटर और डार्क एनर्जी, जो समेटे हुए है ब्रह्मांड के कई रहस्य ?

Mystery Of Universe

Mystery Of Universe: अंतरिक्ष की चादर में ना जाने कितने सारे रहस्य लिपटे हुए हैं। कुछ तो ऐसे हैं जिनके बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है और वैज्ञानिक लगातार उनकी जानकारी के लिए खोज कर रहे हैं जिनमें ये डार्क मैटर और डार्क एनर्जी भी शामिल हैं। इन के बारे में खोज अभी भी जारी है।

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ब्रह्मांड (Universe) का निर्माण करने में कई सारे तत्वों का सहयोग है। मात्र एक या दो चीजों से मिलकर ब्रह्मांड की उत्पत्ति नहीं हुई, इससे जुड़े भी कई अनसुलझे रहस्य हैं जिन्हें पता लगाने के लिए खगोलशास्त्री दिन-रात लगे रहते हैं। खगोलविद जॉर्ज लेमैत्रे के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति 15 अरब वर्ष पहले हुई थी और इसके निर्माण के पीछे बिग-बैंग थ्योरी को बताया गया है। इस थ्योरी में बताया गया कि अरबों वर्ष पहले समस्त भौतिक तत्व और ऊर्जा एक बिंदु में सिमटी हुई थी, जिसके बाद एक जोरदार विस्फोट हुआ और इस ब्रह्मांड (Universe) की रचना हुई। मगर वहीं इसके दूसरी ओर धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि समस्त ब्रह्मांड की रचना ईश्वर ने की है।

जानें किन तत्वों से हुआ ब्रह्मांड का निर्माण-

सामान्य पदार्थ-

हमारे ब्रह्मांड (Universe)  में कई सारे तत्व शामिल हैं। कुछ तो ऐसे हैं जिन्हें हम खुली आंखों से देख सकते हैं, वहीं पर कुछ तो ऐसे हैं जिन्हें चाहकर भी हम देख नहीं सकते। महज उनके बारे में पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं। बता दें, सामान्य पदार्थ उन्हें कहा जाता है जिन्हें हम अपनी आंखों से या वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से देख सकते हैं। कहा जाता है ब्रह्मांड का 5% हिस्सा इसी सामान्य पदार्थ से बना हुआ है।

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गहरे द्रव्य-

यह हमारे ब्रह्मांड (Universe) का वह हिस्सा है, जिसमें डार्क एनर्जी और डार्क मैटर शामिल होते हैं। डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से मिलकर ही हमारे अंतरिक्ष का ज्यादातर हिस्सा बना है।

क्या है डार्क एनर्जी- हमारे अंतरिक्ष (Universe) का 68% हिस्सा डार्क एनर्जी से बना है, लेकिन इसके बारे में हमारे वैज्ञानिकों को जानकारी बहुत कम है। ऐसा कहा जाता है कि डार्क एनर्जी अंतरिक्ष का विस्तार करने में सहायक है। तारों के विस्फोटक या अवलोकन को सुपरनोवा कहा जाता है। इसी के सहारे से 1998 वैज्ञानिकों को लगा कि ब्रह्मांड का विस्तार अतीत के मुकाबले अधिक तेजी से हो रहा है। इसी के बाद डार्क एनर्जी की परिकल्पना हुई। बता दें, डार्क एनर्जी एक विकर्षक एनर्जी (Repellent Energy) की तरह काम करता है, जो खगोलीय पिंडों और अन्य आकाशगंगाओं को एक दूसरे से अलग करने का काम करता है।

क्या है डार्क मैटर-  यह डार्क एनर्जी से पूरी तरह अलग है, डार्क एनर्जी अलग करने का काम करती है तो डार्क मैटर को अंतरिक्ष का ग्लू कहा जाता है। जो खगोलीय पिंडों और आकाशगंगाओं को एक दूसरे के साथ जोड़कर रखने का काम करता है। हमारे अंतरिक्ष में डार्क मैटर का लगभग 27% हिस्सा मौजूद है।

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