(प्रदीप कुमार): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज टोक्यो में जापान के रक्षा मंत्री यासूकाज़ू हमाडा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मामलों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। उन्होंने भारत-जापान रक्षा साझेदारी के महत्व और निर्बाध, खुले और विधि-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की सराहना की।
शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-जापान द्विपक्षीय रक्षा अभ्यासों में बढ़ती संकरता दोनों देशों के बीच बढ़े हुए रक्षा सहयोग का प्रमाण हैं। दोनों मंत्रियों ने ‘धर्म गार्जियन’, ‘जिमेक्स’ और ‘मालाबार’ सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस वर्ष मार्च में ‘मिलन’ अभ्यास के दौरान पूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान के परिचालन का स्वागत किया। दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि द इनोग्यूरल लड़ाकू अभ्यास के शीघ्र संचालन से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बहुत अधिक सहयोग और पारस्परिकता का मार्ग प्रशस्त होगा। रक्षा मंत्री ने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जापानी उद्योगों को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है।
इस वर्ष भारत और जापान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होंगे। दो मजबूत लोकतंत्रों के रूप में, दोनों देश एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी निभा रहे हैं। 07 सितंबर 2022 की रात को टोक्यो पहुंचने के बाद, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कर्तव्य के पथ पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जापानी आत्मरक्षा बलों के कार्मिकों को समर्पित जापान के रक्षा मंत्रालय में स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके अपने दैनिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। जापानी रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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बाद में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ दूसरी भारत-जापान 2+2 मंत्री स्तरीय संवाद में हिस्सा लेंगे। जापानी पक्ष का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री यासूकाज़ू हमाडा और विदेश मंत्री श्री योशीमासा हायाशी करेंगे। भारत-जापान 2+2 संवाद में सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की जाएगी और आगे का रास्ता तय किया जाएगा।