Obesity: बच्चों में किन कारणों से बढ़ता है मोटापा? जानें कारण…

Obesity: What are the reasons why obesity increases in children? Know the reason,

Obesity: मोटापा (Obesity) सभी उम्र में खतरनाक है। यह अध्ययनों में क्रोनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज-हृदय रोग, मेटाबॉलिज्म विकारों और कैंसर के जोखिमों को बढ़ाने वाला पाया गया है। यही नहीं, मोटापा वाले लोगों को हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियों का भी अधिक खतरा हो सकता है। यही कारण है कि सभी उम्र के लोगों को वजन को नियंत्रित रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह दी जाती है।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जो कम उम्र में ही कई बीमारियों का कारण बन सकती है। ज्यादा जंक और प्रोसेस्ड खाना आम तौर पर मोटापा बढ़ाने का मुख्य कारण है। हाल ही में किए गए अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने पाया कि लाइफस्टाइल में बदलाव मोटापे को तेजी से बढ़ाने का एक कारण है, जो बच्चों के मोटापे का सिर्फ एक कारण है। हाल के अध्ययनों के अनुसार, 2030 तक भारत, 10 मोटापे से ग्रस्त बच्चों में से एक होगा। भारत ने चीन, यूएस और अमेरिका के बाद इस समस्या को अधिक खतरनाक मान लिया है। इसी तरह, मार्च 2024 में द लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला कि 1990 से 2022 तक विश्वव्यापी मोटापा 4.5 गुना बढ़ गया है और इसके और भी बढ़ने का खतरा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस समस्या का मुख्य कारण बच्चों का अधिक समय स्क्रीन पर बिताना और जंक फूड खाना हो सकता है।


बच्चे-किशोर जो टीवी देखने, मोबाइल या कंप्यूटर पर अधिक समय बिताते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप, मोटापे और व्यायाम के दौरान ऑक्सीजन का उपयोग कम होने का खतरा अधिक है। इस थ्योरी को समझने के लिए, शोधकर्ताओं ने न्यूजीलैंड में सैकड़ों बच्चों पर नजर रखना शुरू किया और उनका अनुसरण तब तक किया जब तक वे 45 वर्ष के नहीं हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चों की कम शारीरिक सक्रियता और अधिक स्क्रीन टाइम था। परीक्षणों से पता चलता है कि बच्चे-किशोर अधिक स्क्रीन समय बिताते हैं और अधिक कैलोरी वाली चीजें खाते हैं, जैसे चिप्स और कुकीज, और कम शारीरिक क्रिया करते हैं, जो मोटापा बढ़ाता है।

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इसके अलावा, स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित कर सकती है, जो वजन बढ़ाने से संबंधित समस्याओं का कारण भी हो सकती है। इसी प्रकार के हानिकारक प्रभाव बच्चों और युवा लोगों पर भी देखे गए हैं। परीक्षणों से पता चलता है कि बच्चे-किशोर अधिक स्क्रीन समय बिताते हैं और अधिक कैलोरी वाली चीजें खाते हैं, जैसे चिप्स और कुकीज, और कम शारीरिक क्रिया करते हैं, जो मोटापा बढ़ाता है। इसके अलावा, स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित कर सकती है, जो वजन बढ़ाने से संबंधित समस्याओं का कारण भी हो सकती है। इसी प्रकार के हानिकारक प्रभाव बच्चों और युवा लोगों पर भी देखे गए हैं।

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