Puri Rath Yatra: ओडिशा के पुरी के गुंडिचा मंदिर से बहुड़ा यात्रा सोमवार को शुरू हो गई है। इस बहुड़ा यात्रा के जरिए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अपनी मौसी के घर नौ दिन बिताने के बाद गुंडिचा से वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं।जगन्नाथ मंदिर लौटने के साथ ही इस यात्रा का समापन हो जाता है। इस बार हिंदू पंचांग के हिसाब से जगन्नाथ रथयात्रा दो दिन तक चली थी। वैसे ये एक दिन की ही होती है। इससे पहले दो दिन की यात्रा साल 1971 में हुई थी।
ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एडवायज़री जारी – बहुड़ा यात्रा में शामिल होने के लिए आस-पास के इलाकों के साथ पड़ोसी राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे हैं।प्रशासन ने यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की है, साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी एडवायज़री जारी की गई है।भगवान जगन्नाथ का रथ बनाने की शुरुआत रामनवमी से हो जाती है और इसके समापन के साथ ही इस रथ को तोड़ दिया जाता है। ताकि अगली बार फिर से भगवान के लिए नया रथ बनाया जा सके।
सुरक्षा के किये गए कड़े इंतजाम- ओडिशा के एडीजी संजय कुमार ने कहा 180 से अधिक प्लाटून बल के अलावा, एसओजी की आठ इकाइयां सभी सुरक्षा कर्तव्यों को संभाल रही हैं, साथ ही तीन सीआईआरएफ कंपनियां, दो सीआरपीएफ कंपनियां भी हैं। हमने उत्कृष्ट निगरानी निर्देशों के साथ कई सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, और हम उनका पालन कर रहे हैं। हम हॉट स्पॉट और भीड़भाड़ का भी ध्यान रख रहे हैं।”
यात्रा देख भावुक हुए श्रद्धालु- श्रद्धालु देवाश्री मिश्रा ने कहा पवित्र यात्रा भगवान जगन्नाथ की देखने के लिए इधर हम आए हैं। पूरी, जो आज के दिन पूरा भारी मात्रा में लोग भीड़ हुए हैं और ये प्रभु जगन्नाथ की लीला है, कृपा है। उनका आशीर्वाद लेने के लिए हम इधर आए है।”
