(प्रदीप कुमार)-हिन्दू कॉलेज की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 125 वर्ष पहले जिस कालखंड में इस कॉलेज की स्थापना की गई थी, वह हमारे देश के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण समय था। उन्होंने स्मरण किया कि लंबे औपनिवेशिक शासन के कारण देश को ऐसे शैक्षिक संस्थानों की आवश्यकता थी जो हमारी विरासत से हमारा पुनः परिचय कराए और देशवासियों के अंदर आत्म सम्मान और गौरव का संचार करे। उन्होने कहा कि ऐसे समय में महामना मालवीय ने देश की इस जरूरत को समझा और उसी का परिणाम है कि उन्होंने हमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और हिन्दू कॉलेज जैसे संस्थान दिये जो आज भी अपनी श्रेष्ठता और उच्च मापदंड के लिए जाने जाते हैं।
इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि हिन्दू कॉलेज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, उन्होंने याद दिलाया कि यहाँ की धरती से महात्मा गांधी, महामना मालवीय, सरदार पटेल, लोकमान्य तिलक जयप्रकाश नारायण जैसे महापुरुषों ने देश को राष्ट्रवाद और एकता की भावना की सीख दी है।
बिरला ने जिक्र किया कि आज भी इस कॉलेज के विद्यार्थी अलग अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं चाहे वह राजनीति हो, न्यायपालिका हो, पत्रकारिता हो, खेलकूद हो, bureaucracy हो, मनोरंजन हो या उद्यम का क्षेत्र हो। उन्होंने कहा कि हिन्दू कॉलेज का छात्र जहां भी होता है, अपने क्षेत्र का लीडर होता है; उनकी क्षमता ने देश का निर्माण किया है
देश के विकास को नई गति दी है।बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त की कि कॉलेज के अंदर आंतरिक लोकतंत्र का अद्भुत प्रयोग किया जा रहा है। स्टूडेंट बॉडी को पार्लियामेंट के रूप में जाना जाता है, जिसके अंदर प्रधान मंत्री और मंत्रिपरिषद भी होती है और प्रतिपक्ष भी होता है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इसके माध्यम से कॉलेज के संचालन में छात्रों की सक्रिय भागीदारी होती है और सामूहिक चर्चा संवाद से निर्णय लेने का यह प्रयोग अनूठा है।
लोक सभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा को बाजार की आवश्यकता की ओर ऑरिएन्टेड होने की आवश्यकता बताई जाती है लेकिन उससे बहुत ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षा राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। उन्होने छात्रों से कहा कि आज राष्ट्र की उनसे उत्कृष्टता की अपेक्षा है। उन्होने सुझाव दिया की वे जिस भी क्षेत्र में काम करें, पूरी दक्षता और निष्ठा से करें और उनकी आकांक्षाएं राष्ट्र की अपेक्षाओं के अनुरूप हो। उनका काम समाज और राष्ट्र की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करे।
बिरला ने जोर देकर कहा कि कि पूरे विश्व में जितने भी बड़े बदलाव आए हैं, उसकी प्रेरणा वहाँ की युवाशक्ति से ही मिली है। उन्होंने बताया कि आज भारत नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है, विश्व में नए मानक स्थापित कर रहा है, विश्व की प्रखर आवाज के रूप में उभर रहा है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना से वैश्विक चुनौतियों का समाधान दे रहे हैं। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि हमारी इन उपलब्धियों के पीछे हमारी युवा शक्ति की क्षमता है, चाहे वह नवाचार के क्षेत्र में हो, टेक्नॉलजी के क्षेत्र में हो, जलवायु परिवर्तन, आईटी, artificial intelligence, स्पेस टेक्नॉलजी – कोई भी क्षेत्र हो। उन्होने कहा कि पिछले वर्षों में एक बड़ा परिवर्तन ये आया है कि आज विश्व हमारी ओर आशंका नहीं बल्कि आशा से देख रहा है, समस्या नहीं बल्कि उनके समाधान के लिए हमारी ओर देख रहा है।
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ओम बिरला ने बताया कि आज वैश्विक मंचों पर भारत की साख है, भारत ग्लोबल एजेंडा को सेट कर रहा हैं, दुनिया हमारी ओर समाधान के लिए देख रही है, और यह परिवर्तन हमारे युवाओं की क्षमता, ऊर्जा और शक्ति से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रधानमंत्री जी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की बात करते हैं तो आज की युवा शक्ति पर उनका विश्वास है जो उनकी इस बात से झलकता है।बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि हिंदू कॉलेज के सभी विधार्थी अपनी ऐतिहासिक यात्रा को देश के नए संकल्पों के साथ, अपने सपनों को देश के सपनों के साथ मिलाकर आगे बढ़ाएँगे।