Only women get jobs- दुनिया में एक ऐसा जगह है जहा पर महिलायें ही काम करती हैं आपको बता दे कि एक ऐसी खदान है जहां पर पुरूषो की जगह पर महिलाओं को काम पर रखा जाता हैं । आपको पता होगा कि खदानों में काम करना बेहद ही मुश्किल होता हैं और बहुत ज्यादा महेनत का काम होता हैं.ज्यादातरऐसी जगह पर पुरूषो को काम के लिए रखा जाता हैं . लेकिन जिम्बाब्वे में उल्टा हैं यहां पर केवल महिलाओं को ही काम पर रखा जाता हैं
इसके पीछे की क्या वजह हैं ये जानकर आप हैरान रह जायेगें. दरअसल जिम्बाब्वे में एक ऐसा खदान हैं.जिसमें केवल मह्लाओं को ही नौकरी दी जाती हैं .यही नही इस खदान मे काम करने वालो को काफी ज्यादा सैलरी भी मिलती हैं . इस टिकाऊ खान में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है.
इस बात को सुनकर आप भी हैरान होगें कि खदान मे काम करने के लिए महिलाओं को ही क्यों रखा जाता हैं. आइए चलिए हम आपको बताते है .
इसके पीछे की वजह बेहद ही शानदार हैं संयुक्त राष्ट्र सहित पूरी दुनिया उनकी तारीफ करती है. ज्यादातर खनन उत्तरी जिम्बाब्वे में दुनगुजा नदी पर किया जाता है. जहां ‘जिम्बाकुआ’ जैसी कई कंपनियां रत्नों की खोज करती हैं. लेकिन काम के लिए सिर्फ महिलाओं को ही हायर करती हैं. यहां चाहे ड्रिलिंग हो या फिर हैमरिंग या फिर बड़े-बड़े पत्थरों की ढुलाई, हर काम महिलाएं ही करती हैं. महिलाएं यहां एक्वामरीन या फिरोजा की तलाश करती हैं. महिलाएं कहती हैं कि इतना मेहनती काम करने के बाद वह फिट रहती हैं.
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बता दें कि फिरोजा नगीना के भंडार अक्सर चट्टानों की गहरी तह में मिलते हैं. ऐसे में विस्फोट की मदद से उनकी तलाश की जा सकती है, लेकिन यहां इसका भी उल्टा है. क्योंकि यहां महिलाएं विस्फोट करने की बजाय छेनी-हथौड़े की मदद से फिरोजा की खोज करती हैं. इस तरह काम करने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. इस प्रक्रिया में रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. साथ ही पानी भी कम से कम उपयोग किया जाता है. यूएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को यहां हर महीने 180 यूरो दिए जाते हैं.
क्यों दी जाती है यहां महिलाओं को नौकरी
यहां की खदानों में खनन करने वाली माइनिंग कंपनियों का कहना है कि वह केवल महिलाओं को इसलिए काम देते हैं जिससे वह अपने पैरों पर खड़े हो सकें. उन्हें किसी दूसरे पर निर्भर न रहना पड़े. खनन की नौकरी कर कई महिलाएं अपने बच्चों और बेरोजगार पति की देखभाल करती हैं.